Rajasthan Assembly Election 2023: साध्वी अनादि सरस्वती ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। पीसीसी वॉर रूम में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई। अनादि सरस्वती खुद को स्वतंत्रता सेनानी हेमू कालानी के परिवार से बताती हैं।
बता दें कि अनादि बीजेपी से टिकट चाह रही थी। सनातन विषय पर खुलकर बोलने वाली अनादि हिंदुत्व विषय पर फायर ब्रांड है। 44 वर्षीय अनादि सरस्वती अजमेर की रहने वाली हैं। कांग्रेस अजमेर उत्तर में मजबूत चेहरा ढूंढ रही थी, ताकि देवनानी के सिंधी वोट में सेंध लगाई जा सके। अनादि के रूप में कांग्रेस को वह चेहरा मिल गया है।
यह सभी को पता है कि कांग्रेस को हिंदु और सनातन शब्द से ही बड़ी चिढ़ है। यह बात कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के बयानों से साबित होता रहा है। रामसेतू, राम मंदिर के मामले में भी कांग्रेस का रवैया ऐसा ही रहा है। तुष्टीकरण की राजनीति करने के चक्कर में कांग्रेस को मंदिर, तिलक, भगवा सभी से चिढ़ सी है!
ऐसे में सनातन पर खुलकर बोलने वाली, हिंदुत्व की फायर ब्रांड साध्वी अनादि कांग्रेस में रहकर क्या सनातन का खुलकर पक्ष रख पाएगी? भगवाधारी साध्वी अनादि का टिकट को लेकर यह कैसा मोह है जो उसे सनातन विरोधी कांग्रेस में ले गया? इसे एक साध्वी का 'छद्मवेश' ही कहा जा सकता है।
साध्वी अनादि सरस्वती ने कांग्रेस ज्वॉइन करने के बाद कहा कि काम करना और काम का प्रचार करने में अंतर है। गहलोत सरकार ने गायों के लिए जो काम किया वो आज धरातल पर है। धर्म की पहचान कर्म से है। साथ ही कहा, मुझे लगता है कि पूरे समाज में मेरी पहचान एक संत के रूप में है। एक संत किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर होता है और एक संत पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है।
अजमेर में दरगाह क्षेत्र देहली गेट के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अजमेर उत्तर से टिकट के दावेदार महेंद्र सिंह रलावता ने विरोध प्रदर्शन कर साध्वी अनादि के कांग्रेस में आने पर आपत्ति जताई।
प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ता पप्पू कुरेशी ने बताया कि साध्वी अनादि को टिकट मिलता है तो इससे अल्पसंख्यकों में नाराजगी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि शहर कांग्रेस कमेटी ने मीटिंग करके यह निर्णय ले लिया है कि साध्वी अनादि सरस्वती को टिकट दिया जाता है तो कांग्रेस के कार्यकर्ता उसे सहयोग नहीं करेंगे।