राजस्थान में प्रसाशन गावों के संग अभियान शुरू एक बार फिर शुरू होने जा रहा है। पहले अभियान के दौरान जो पट्टे लेने से वंचित रह गए थे अब वह आवेदन कर सकते है। वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य प्रशासन के मजबूत अंग के रूप में राजस्व विभाग प्रदेश में राजस्व संबंधी मामलों को पारदर्शिता के साथ त्वरित गति से निस्तारण कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा राजस्व के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए पूर्व में चलाए गए ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान‘ के फॉलोअप कैंप 15 मई से 30 जून, 2022 तक चलाए जाएंगे। इनमें प्राप्त प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर आमजन को राहत प्रदान की जाएगी।
गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की पहुंच प्रदेश के अंतिम छोर तक है। इसलिए विभागीय अधिकारी राजस्व वादों के निस्तारण की व्यवस्था को और सुदढ़ करें और ग्राम पंचायत तक पर्याप्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित कराएं। उन्होंने राजस्व भू-अभिलेखों, नामांतरण, सीमाज्ञान, पत्थरगढ़ी, गैर खातेदारी से खातेदारी और भूमिहीन परिवारों को कृषि के लिए भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों सहित अन्य प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कर आमजन को राहत प्रदान कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 33 जिलों कीे 369 तहसीलों में से 21 जिलों की 348 तहसीलों का राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन हो गया हैै। उन्होंने शेष 21 तहसीलों को भी शीघ्र ऑनलाइन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड संबंधित सर्वर की क्षमता बढ़ाने, भूमि की रूपांतरण प्रक्रिया में ऑटो एप्रूवल कराने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों में पारदर्शिता आए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्व संबंधी कानूनों का निरंतर सरलीकरण किया जा रहा हैं। इनमें, राजस्थान भू-राजस्व नियम, 1963 के अतंर्गत संशोधन कर राजकीय विभागों को निर्धारित नॉर्म्स से अधिक भूमि आवंटन के लिए अधिकारिता आवंटन प्राधिकारियों (एसडीओ, जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त) को प्रदान की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित किए जाने के प्रयोजनार्थ नियमों में खातेदारी भूमि का संपरिवर्तन करने के लिए संशोधन कर प्रावधान किए गए है।