Rajasthan Political News: हिंदुओं पर अत्याचार, हिंदू धार्मिक जुलूसों पर पथराव, मारपीट जैसे मामलों पर अक्सर चुप्पी साधने वाली कांग्रेस को चुनाव आते ही हिंदू और मंदिर याद आने शुरू हो जाते हैं।
मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने के चक्कर में जो कांग्रेस नुपूर शर्मा के बयान के बाद हुए हमलों, कट्टरपंथियों के 'सिर तन से जुदा' वाले बयानों पर चुप्पी साधे रही उसने चुनाव नजदीक आते ही हिंदू वोटर याद आने लगे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान की गहलोत सरकार की।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस 1 और 2 जुलाई को सालासर बालाजी मंदिर क्षेत्र में सम्मेलन करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इसी तरह के सम्मेलन अन्य हिंदू धार्मिक स्थलों पर करने वाली है।
बालाजी मंदिर क्षेत्र में कांग्रेस का यह सम्मेलन हिंदू वोटरों को साधने की दिशा में ही एक प्रयास है, ताकि यह मैसेज जा सके कि कांग्रेस को मंदिरों और हिंदुओं की चिंता है।
यहां बताते चलें कि गहलोत सरकार के हाल ही के कार्यकाल में प्रदेश में करौली, जोधपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में हिंदू जुलुसों पर मजहबियों के हमले हुए, लेकिन वास्तविक अपराधियों पर कार्रवाई की बयाज हिंदुओं को ही आरोपी बनाकर केस दर्ज कर दिए गए।
इसी प्रकार नुपूर शर्मा के बयान के बाद जगह-जगह हिंदुओं पर हमले हुए और 'सर तन से जुदा' के नारे लगे। उदयपुर में कन्हैया टेलर की हत्या कर दी गई, कई जगह धमकियां व हमले हुए, पर गहलोत सरकार इस मामले में तुष्टीकरण की राजनीति करती रही। खुद सरकार ने कई जगह हिंदू मंदिर तोड़े पर अब उसे मंदिर और हिंदू वोटर याद आ रहे हैं।
कांग्रेस की इसी दोगली नीति को लेकर भाजपा पहले से कांग्रेस पर हमला करती रही है और लगातार हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करती रही है।
राजस्थान के जिले करौली में रामनवमी के अवसर पर एक जुलूस निकाला गया था। जिसमें मज़हबियों के द्वारा पथराव हुआ और कई लोग घायल हुए। जिसकी जांच पर राजस्थान पुलिस ने पीड़ित हिन्दुओं को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था।
जयपुर के जमवारामगढ़ रोड पर हिंदू धार्मिक जुलूस पर पथराव हुआ। मजहबियों ने जमकर उत्पात मचाया। लोगों से मारपीट की, हिंदू विरोधी नारे लगाए गए, लेकिन सरकार ने आरोपियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की।
नूपुर शर्मा के समर्थन पर उदयपुर में कंन्हैयालाल की हत्या दो मज़हबियों के द्वारा कर दी गई थी। ऐसे संवेदनशील मामले पर कांग्रेस सरकार ने आरोपियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
राजस्थान में मंदिर तोड़ने की कई सारी घटनाएं सामने आई जिसमें कांग्रेस ने कभी खुल कर कोई बात नहीं की है।
17 अप्रैल 2022 : अलवर जिले में गहलोत सरकार का बुलडोजर 250 साल पुराने मंदिर पर चलाया गया। अलवर जिले के राजगढ़ में आने वाले इस मंदिर को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया था।
23 नवम्बर 2022 : राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड में प्रशासन ने सातपुर तालाब के पास स्थित हनुमान मंदिर को हटा दिया था।
इनके अलावा भी कई जगह अतिक्रमण या रास्ते चौड़े करने के नाम पर मंदिरों पर गहलोत सरकार का बुलडोजर चला।
द्वारा : मोहित