राजस्थान

Rajasthan News: वीरांगनाओं से बदसलूकी पर गरमाई राजनीति; अब पायलट उतरे समर्थन में

Om prakash Napit

Rajasthan News: बीते एक हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं वीरांगनाएं अचानक रविवार देर रात धरना स्थल से गायब हो गईं। वहीं, सोमवार को ये वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिलने उनके निवास पहुंचीं, जहां उन्होंने पहले तो पायलट को अपनी आपबीती सुनाई और फिर उनसे फरियाद की कि वो कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं और सरकारी वादाखिलाफी के बारे में बताना चाहती हैं।

वीरांगनाओं से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए पायलट ने कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं के साथ अगर पुलिस मैन हैंडलिंग करेगी तो इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब शहीदों की वीरांगनाओं के साथ इस तरह का व्यवहार होगा तो फिर कोई और क्या उम्मीद लगा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का व्यवहार गलत था और उनका किया सभी ने देखा है। इस पर झूठ की कोई गुंजाइश नहीं है।

वीरांगनाओं की मांगें जायज : पायलट

दरअसल, 28 फरवरी से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ शहीद स्मारक पर धरना दे रही तीन वीरांगना सोमवार को अचानक सचिन पायलट के निवास पर पहुंच गई। तीन वीरांगना रोती-बिलखती पायलट निवास पहुंची और सचिन पायलट से मिलने की फरियाद करती दिखाई दी। इस पर सचिन पायलट बाहर आए और तीनों वीरांगनाओं की मौजूदगी में मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए।

तीनों वीरांगनाओं के साथ पायलट जमीन पर बैठकर बात किए। इस दौरान उन्होंने उनकी सभी शिकायतें सुनी। साथ ही उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर इसको लेकर कोई नियम नहीं भी है तो नियमों में संशोधन किया जाए, क्योंकि मामला शहीदों से जुड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि अभद्र व्यवहार जिनके साथ किया गया है वह न केवल महिलाएं हैं, बल्कि शहीदों की वीरांगना हैं।

टेढ़ी ऊंगली से घी निकालना जानते हैं: किरोड़ी

सांसद डॉ. किरोड़ी सिंह मीणा ने कहा है कि गहलोत सरकार को वीरांगनाओं की बात माननी पड़ेगी। बिना मांग पूरी हुए हम यहां से नहीं उठने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से काम कराना जानते हैं। सीधे से घी नहीं निकलेगी तो टेढ़ी ऊंगली कर के घी निकालना जानते हैं।

उधर, वीरांगनाओं के धरना स्थल से गायब होने पर सांसद मीणा ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हो सकता है कि वो अपने घर गई हों या फिर दिल्ली भी जा सकती हैं, लेकिन ये सब रणनीति का हिस्सा है। समय आने पर खुलासा करूंगा। ऐसे में मतलब साफ है कि राज्य सरकार की ओर से जब न्याय की गुंजाइश नजर नहीं आई तो किरोड़ी मीणा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया।

आंदोलन में अब हनुमान बेनीवाल की एन्ट्री

संसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के आंदोलन में अब सांसद हनुमान बेनीवाल की भी एन्ट्री हुई है। सांसद बेनीवाल ने शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं पर पुलिस कार्रवाई पर कडा ऐतराज़ जताया है। गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा है कि वीरांगनाओं के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। एक के बाद एक ट्वीट प्रतिक्रिया में सांसद बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार पूर्ण रूप से संवेदनहीन हो गई है।

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