Rajasthan Rape Case: राजस्थान में एक सप्ताह में ही दो दलित बेटियों से गैंगरेप की वारदातों ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया। इसमें भी एक घटना तो रविवार को ही खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में हुई है, जो कि सरकार के मुंह पर बड़ा तमाचा है।
बड़ी बात तो यह है कि जोधपुर गैंगरेप की घटना पर सीएम गहलोत ने जो बयान दिया है वह हास्यास्पद होने के साथ ही बेशर्मी भी बयां करता है। सीएम गहलोत ने इस मामले में कहा कि घटना पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौन रहे, यह महिला सुरक्षा पर भाजपा की गंभीरता का परिचायक है।
अब सवाल यह उठता है कि राजस्थान में एक सप्ताह में ही दो दलित लड़कियों से गैंगरेप की घटनाएं होना क्या गहलोत सरकार में महिला सुरक्षा की स्थिति बयां नहीं करता? क्या दूसरों पर बयान देकर राज्य का मुखिया अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या कानून व्यवस्था संभालना और ऐसी वारदातें रोकना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है?
राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम में नादौती थाना अंतर्गत भीलापाड़ा रोड पर कुएं से 13 जुलाई, 2023 को 19 साल की एक दलित युवती का शव मिला। मौके पर पहुंचे भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा युवती के साथ पहले गैंगरेप और फिर एसिड डालकर हत्या करने और उसके बाद शव कुएं में फेंके जाने की आशंका जताई थी।
भाजपा सांसद किरोड़ी ने इस मामले में आरोप लगाए कि लड़की दो दिन से लापता थी, लेकिन पुलिस ने केस तक दर्ज नहीं किया। युवती को रात में किडनैप कर वारदात को अंजाम दिया गया। किरोड़ी मीणा ने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ही गलत बताते हुए फिर से पोस्टमार्टम और विसरा जांच की मांग की।
इतना ही नहीं भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने इस मामले में पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की, लेकिन सरकार ने मात्र 2 लाख रुपए मुआवजा और संविदा पर एक सदस्य को नौकरी की मांग मानी।
राजस्थान के ब्यावर से भागकर जोधपुर आए नाबलिक प्रेमी जोड़े को बहला फुसलाकर तीन युवक शहर के ओल्ड कैंपस खेल मैदान में ले गए। जहां लड़के के बंधक बनाकर नाबालिग लड़की के साथ तीनों युवकों ने गैंगरेप किया। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों युवकों प्रेमी जोड़े मैदान में छोड़कर फरार हो गए। बाद में पुलिस ने तीनों आरोपियों को धरदबोचा।
इतना ही नहीं पुलिस के अनुसार प्रेमी जोड़े ने रात में रुकने के लिए पावटा स्थित एक लॉज में कमरा ले लिया। लेकिन, यहां लॉज संचालक ने शराब के नशे में नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की। इससे डरकर दोनों ने कमरा छोड़ दिया और फिर पावटा चौराहे पर आकर खड़े हो गए। इसके बाद उक्त तीनों युवक उन्हें धोखे से साथ ले गए और बंधक बनाकर नाबालिग से गैंगरेप किया।
जेएनवीयू में रविवार को छात्रा के साथ हुई घटना के विरोध में जयपुर पुलिस मुख्यालय के बाहर एबीवीपी संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। एबीवीपी संगठन पदाधिकारियों के द्वारा राजस्थान सरकार ओर राजस्थान पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। राजस्थान यूनिवर्सिटी एबीवीपी से महासचिव अरविंद जाजड़ा ने बताया कि जेएनवीयू घटना में एबीवीपी का नाम संगठन को बदनाम करने के लिए जोड़ा जा रहा है।
राजस्थान में महिला सुरक्षा की स्थिति बद से भी बदतर है। यह कोई सियासी बयान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों का सार है। इसमें राजस्थान को महिलाओं और बच्चियों के लिए सर्वाधिक असुरक्षित माना गया है। वर्ष 2020 में देश में दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं।
राज्य में 1,279 नाबालिगों का दुष्कर्म का शिकार होना स्थिति की भयावहता को दर्शाता है। दुष्कर्म के आंकड़ों को समग्रता में देखा जाए तो यही प्रतीत होता है कि प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में दुष्कर्म के मामलों में यहां 25.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।