मेरे पिता को उन लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। वे खेत में पड़े मिले। फिर पुलिस के सामने इलाज के नाम पर कहते रहे कि 1000 रुपये देकर मामलें को रफा दफा करने की बात करने लगे। हमें धमकाया, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। यह बात कहनी है अलवर के गोविंदगढ में मॉब लिंचिंग में मारे गए चिरंजीलाल सैनी के बेटे योगेश की। गोविंदगढ़ में ट्रैक्टर चोरी के शक में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए चिरंजीलाल का परिवार हादसे के बाद सदमे में है। चिरंजीलाल के दो बेटे और दो बेटियां हैं। योगेश का कहना है कि उसके पिता सब्जी का ठेला लगा कर वह ठेले पर घर चलाते थे।
मजबियों ने चार बच्चों के सिर से पिता का सहारा छिन लिया। चिरंजी के बेटे का कहना है कि अंतिम संस्कार से पहले अधिकारियों ने 5 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने का वादा किया, लेकिन उसके बाद हमारी सुध लेने कोई नहीं आया। कोई मदद नहीं दी। हालांकि पुलिस ने मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपित हुसैन (25) उर्फ सूसी पुत्र नूरमोहम्मद निवासी आगरकी रैड गोविंदगढ़ व वारिस (32) पुत्र समीदीन निवासी टिकरी थाना गोविंदगढ़ को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रदेश में दहशत का माहौल है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री
अब तक 9 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मुख्य आरोपी विक्रम खान, असद, साबू, साहून, कसम व पेला को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर 3 दिन के रिमांड पर लिया है। एसएचओ शिवशंकर शर्मा ने बताया कि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इधर ग्राम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने रामबास निवासी चिरंजीलाल की मॉब लिंचिंग के मामले में राज्य सरकार से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है। आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने मुख्य सचिव, डीजीपी, संभागीय आयुक्त, आईजी और अलवर कलेक्टर और एसपी को जारी नोटिस में जवाब तलब किया है।
मॉब लिंचिंग के मामले की जांच के लिए बीजेपी की तीन सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी 18 अगस्त गुरुवार को रामबास गोविंदगढ़ पहुंच गई है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश महासचिव व विधायक मदन दिलावर को कमेटी में जांच के लिए गठित किया था। तीनों नेता गुरुवार सुबह 11 बजे अलवर पहुंचे और यहां से भाजपा पदाधिकारियों के साथ रामबास के लिए रवाना हुए। वहां से लौटने के बाद वे प्रदेश अध्यक्ष की रिपोर्ट भेजेंगे।