राजस्थान

राजस्थान: मंदिर में तोड़ी मूर्ति, ग्रामीणों का आरोप- 'पुलिस के सामने धमकी देकर चला गया मजहबी'

राजस्थान के अलवर की घटना । मजहबी समुदाय द्वारा हिंदू देवताओं की मूर्ति तोड़ने का लगाया ग्रमीणों ने आरोप । घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने किया अलवर-जयपुर मार्ग जाम ।

Kunal Bhatnagar

राजस्थान में सांप्रदायिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं । वहीं अब मामला राजस्थान के अलवर से सामने आया है जहां पर अलवर-जयपुर मार्ग पर धवाला गांव में एक मंदिर में हिंदू देवता की मूर्ति को तोड़कर खंडित करने का मामला सामने आया है । जब कुछ असामाजिक तत्व मंदिर में मूर्तियों को तोड़ रहे थे तो लोगों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी मौके से फरार हो गए । घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने अलवर-जयपुर मार्ग को जाम कर दिया। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर जाम को खुलवाया है। उधर लोगों को कहना है कि पुलिस एक आरोपी को पकड़कर ले आई थी, लेकिन आरोपी पुलिस के सामने ही लोगो को धमकाकर भाग गया ।

विशेष समुदाय पर आरोप

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि रविवार 31 जुलाई को मजहबी समुदाय द्वारा हिंदू देवता की मूर्ति को तोड़ा गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने आरोपीयों को रोकने का प्रयास किया । लेकिन आरोपी उन्हें धमकाकर फरार हो गए। घटना की सूचना पूरे इलाके में फैल गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। घटना के विरोध में लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की । लेकिन काफी देर बाद भी जब पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे तो गुस्साए लोगों ने अलवर-जयपुर मार्ग जाम कर दिया।

आरोपी ने पुलिस के सामने धमकाया

जाम की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने के बाद जाम को खुलवाया । वहीं लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस एक आरोपी को पकड़कर ले आई थी। लेकिन कुछ देर बाद वह भी पुलिस के सामने लोगों को धमकाकर भाग गया।

अलवर के मेवात का है मामला

जहां पर यह घटना हुई है वह मेवात क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह वहीं मेवात क्षेत्र है, जहां पर अक्सर गौकशी की घटनाएं सामने आती रहती है। इसके अलावा मेवात में बड़े स्तर पर ऑनलाइन ठगी के मामले भी सामने आते है। अपराधिक गतिविधियों का गढ़ बन चुके मेवात में अपराधी बेखौफ होकर खुलआम घूमते नजर आते दिखते है।

हाल ही में भी चर्चा में आया था अलवर

हाल ही में सिख ग्रंथी के केश काटने के मामले में मजहबी समुदाय के लोगों पर आरोप लगाया गया था । हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए सांप्रदायिकता की बात को नकार दिया था, लेकिन इसके बाद भी पीड़ित पुलिस की जांच से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है ।

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