जयपुर में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और उनके समर्थक जुटेंगे। इस राजनीतिक हलचल के बीच ही नए सियासी समीकरणों की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। वजह ये कि विशिष्ट अतिथि के रूप में भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी भी राजे के साथ मंच साझा करेंगे। बता दें कि राजवी वही शख्स हैं जिन्होंने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। दरअसल राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति दिवंगत भैरों सिंह शेखावत पर आधारित पुस्तक 'धरतीपुत्र भैरों सिंह शेखावत' के विमोचन ये जमावड़ा होगा। विमोचन से पहले राज्य में इसके सियासी मयनों को लेकर अब प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। बता दें कि नरपत सिंह राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति दिवंगत भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं। पिछली वसुंधरा सरकारों में राजवी को कोई खास तवज्जो नहीं मिली थी। अब चूंकी चुनाव करीब हैं तो माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी भी समाप्त होगी।
असल में प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब महज डेढ़ साल बचा है। इस बीच ये कार्यक्रम खास बीजेपी के अंदरूनी गुटबाजी को विराम देने की पहल माना जा रहा है। कार्यक्रम में वसुंधरा राजे खेमे के कई नेता और समर्थक जुटने वाले हैं। राजे की ओर से किताब का विमोचन बिड़ला ऑडिटोरियम में शाम छह बजे होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल करेंगे। वहीं स्पेशल गेस्ट के तौर पर विधायक व पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी और पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत राजे के साथ मंच साझा करेंगे। बताया जा रहा है कि इस विमोचन समारोह में कई मौजूदा और बीजेपी के पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों के भी आने की संभावना है।
पूर्व उपराुष्ट्रपति शेखावत पर ये पुस्तक रिटायर्ड IPS बहादुर सिंह राठौड़ ने लिखी है। इस पुस्तक में राठौड़ के अनुसार 1994 से 1998 तक जब भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे तो मैं उनके कार्यालय में पदस्थापित रहा। जब वे उपराष्ट्रपति बने तो उनका निजी सचिव भी रहा। उनके साथ साल 1994 से लेकर उनकी अंतिम सांस तक मैंने उनके साथ जो वक्त बिताया है, उन समस्त यादों और यादगार पलों को पुस्तक में जगह दी है।
वहीं शेखावत के राजनीतिक जीवन से जुड़ी कई बातों को भी इस पुस्तक में शामिल किया है। राठौड़ के अनुसार भैरों सिंह शेखावत के सार्वजनिक जीवन शुरू होने से पहले जब उन्होंने पुलिस में अपनी सेवाएं दी थी तो उस वक्त उनकी पुलिस सेवा को भी इस पुस्तक में शामिल किया गया है। इस पुस्तक में बताया है कि कैसे शेखावत ने अपनी सर्विस से रिजाइन देकर चुनाव लड़ा। पहली विधानसभा में वे विधायक चुनकर आए। पुस्तक में बताया गया है कि विधानसभा में शेखावत का क्या कॉन्ट्रिब्यूशन और सोच रही। वहीं सीएम रहते प्रदेश को लेकर भैरों सिंह शेखावत का क्या वीजन रहा...। इन सभी वाकायों को पुस्तक में शामिल किया गया है।
इस विमोचन समारोह आयोजन समिति में 24 लोग शामिल हैं। इनमें राजपूत समाज और संगठनों के प्रतिनिधि,राजनेता,संत-महंत, समाजसेवी, पत्रकार, उद्योग-व्यापार जगत के लोगों को शामिल किया गया है। वहीं रैवासा के अग्रपीठाधीश्वर श्रीराघवाचार्य महाराज, मोतीडूंगरी मंदिर महंत कैलाश शर्मा, रतन कंवर, पदमभूषण और पूर्व सांसद डॉ नारायण सिंह माणकलाव, पूर्व सांसद और राजस्थान यादव महासभा अध्यक्ष डॉ कर्ण सिंह यादव, रिटायर्ड जस्टिस करणी सिंह राठौड़ और राघवेन्द्र सिंह राठौड़, एसएमएस हॉस्पिटल के पूर्व अधीक्षक डॉ नरपत सिंह शेखावत, मौसम विभाग के पूर्व डीजी और वर्ल्ड बैंक सलाहकार डॉ लक्ष्मण सिंह राठौड़, भवानी निकेतन एजुकेशन इंस्टीट्यूट जयपुर के संरक्षक जालम सिंह आसपुरा, रिटायर्ड आईपीएस महेन्द्र सिंह चौधरी शामिल रहेंगे।