समुदाय विशेष के करीब दो दर्जन लोगों ने ही चोरी के शक में चिरंजी को मौत के घाट उतार दिया था। 
राजस्थान

Rajasthan: अलवर में चिरंजी की मॉब लिचिंग पर चुप्पी क्यों है? मानवाधिकार की दुहाई देने वाले भी खामोश

अलवर के गोविंदगढ़ क्षेत्र के रामबास गांव में रविवार 14 अगस्त की रात एक समुदाय विशेष के करीब दो दर्जन लोगों ने एक व्यक्ति की पीट-पीट अधमरा कर दिया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अब मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। लोगों का कहना है कि पहलू खां के मामले में सड़क से लेकर संसद तक हंगामा करने वाले लोगों चिरंजीलाल सैनी की हत्या पर खामोश क्यों है?

Kunal Bhatnagar

राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ में सब्जी विक्रेता की मॉब लिंचिंग को लेकर एक शांति का माहौल नजर आ रहा है। यह बात हम नहीं बल्कि कुछ राजनेताओं का ऐसा मानना है। कुछ लोगों का तो यहां तक भी कहना है कि राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार परेशान किया जा रहा है, लेकिन इन सभी बातों के बाद भी अशोक गहलोत तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। यहीं कारण है कि राज्य लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा- सतीश पूनिया

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आरोप लगाते हुए कहते है कि गहलोत सरकार के शासन में बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी के साथ एक खास समुदाय का मॉब लिंचिंग की घटना करना कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते हुआ है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री काल में अपराध और अपराधियों का बढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। राज्य में मॉब लिंचिंग और तुष्टीकरण की घटनाओं से अपराधियों को लगातार सुरक्षा मिली है। गहलोत कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं।

पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है

सरकार पर निशाना साधते हुए पूनिया ने कहा कि पुलिस की पंचलाइन अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास है, अब आम आदमी असुरक्षित है और अपराधी अपराध करते समय यह नहीं सोचता कि उसका क्या होगा। ऐसे हालात से पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है। अशोक गहलोत के राजनीतिक बयानों से राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं हो पाएगी। इससे पहले अलवर, झालावाड़ और जयपुर समेत कई जिलों में मॉब लिंचिंग हो चुकी है, जिसमें बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. राजनीति करने के बजाय गहलोत की कानून व्यवस्था की समीक्षा करें। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप कम करें। पुलिस को संसाधन उपलब्ध कराएं। राजस्थान को अब बचाना चाहिए। अन्यथा यह राजस्थान में शासन, आर्थिक व्यवस्था, पर्यटन, समाज के सामंजस्य को प्रभावित करेगा। इंटरनेट बैन से करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा।

कोई अन्य समुदाय ऐसी घटना करता तो क्या?

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा- अलवर जिले के गोविंदगढ़ में घेरकर समुदाय विशेष के लोगों ने जिस तरह चिरंजीलाल सैनी की हत्या की है, वह पूरे राजस्थान में आम आदमी के लिए चिंता का विषय है। अपराध की दृष्टि से राजस्थान पहले नंबर पर आ गया है और राजस्थान में अपराध के मामले में अलवर शीर्ष पर है। मैं राजस्थान के सीएम और गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर ऐसी घटना किसी अन्य समुदाय द्वारा की गई होती तो माहौल कैसा होता और कार्रवाई कैसे होती।

देश में मानवाधिकार की बात करने वाले खामोश

पहलू खां के मामले में सड़क से लेकर संसद तक हंगामा करने वाले लोगों चिरंजीलाल सैनी की हत्या पर खामोश है। आज चिरंजीलाल का परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन देश में मानवाधिकार की बात करने वाली संस्थान कही गायब से हो गए है। एक बड़ा समुदाय मानता है कि चिरंजीलाल सैनी की हत्या करने वाले लोग एक खास समुदाय से हैं। इस लिए घटना पर सभी चुप है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी कहते है कि मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि तत्काल कार्रवाई करें। बिना किसी जाति और धर्म के कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि राजस्थान सरकार मौजूदा घटनाओं से सबक लेकर अपनी कानून व्यवस्था को मजबूत करेगी, लेकिन आज जिस तरह से पुलिस थाने और चौकियां सत्ताधारी पार्टी के विधायकों की दया पर आज मलाई खाने की होड़ में हैं। सत्तारूढ़ दल के सहयोगी, उन्होंने राजस्थान और विशेष रूप से अलवर में ऐसी घटनाओं को और प्रोत्साहित किया है।

क्या है पूरा मामला?

अलवर के गोविंदगढ़ क्षेत्र के रामबास गांव में रविवार 14 अगस्त की रात एक समुदाय विशेष के करीब दो दर्जन लोगों ने एक व्यक्ति की पीट-पीट अधमरा कर दिया। इलाज के दौरान चिरजी लाल सैनी की मौत हो गई। मौत से नाराज चिरंजीलाल के परिवार और ग्रामीणों ने गोविंदगढ़ थाने का घेराव कर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग उठाई। मृतक के पुत्र योगेश ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। जिसमें जुम्मा खान, विक्रम खान और रहमान खान समेत अन्य आरोपियों के नाम शामिल थे। जानकारी के मुताबिक चिरंजीलाल सब्जी का ठेला लगाकर रामबास में शौच के लिए खेत में जाता था। तभी एक चोर ट्रैक्टर चोरी कर क्षेत्र से भाग रहा था। इसी दौरान भीड़ ने चिरंजीलाल को ट्रैक्टर चोरी के शक में पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था।

7 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

हत्या के मामले में अभी तक पुलिस ने 7 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। जिस में असद खान पुत्र मकबूल मेव, स्याबू पुत्र अशरफ खान, साहून खान पुत्र जुम्मे खान, तलीम खान पुत्र यासीन खान, कासम पुत्र साहाब दीन खान, पोला उर्फ ताफिक पुत्र रुजसार खान और विक्रम खान पुत्र जुम्मे खान को गिरफ्तार किया गया है।

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