कोरोना महामारी में प्रतिबंध के बाद सऊदी सरकार ने इस साल विदेशियों को हज करने की इजाजत दी है। दुनिया भर से हज यात्री सऊदी पहुंचने लगे हैं। भारत से भी उड़ानें शुरू हो गई हैं। पहला जत्था आज दिल्ली से रवाना हुआ है, लखनऊ से पहली फ्लाइट भी बिते कल रवाना हुई है। इस साल भारत से कुल 79 हजार 237 हज यात्री जा रहे हैं जिनमें 50 फीसदी महिलाएं हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार हज यात्रा अधिक महंगी है।
हज यात्रा के लिए सब्सिडी के नाम पर दशकों से राजनीतिक छल किया जा रहा था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। मोदी सरकार में हज यात्रा को बहुत पारदर्शी बनाया गया है और सब्सिडी खत्म होने के बाद भी तीर्थयात्रियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं है। इस बार सऊदी अरब सरकार ने कुछ करों में वृद्धि की है, फिर भी हमने कम से कम दर पर हज यात्रा करने की कोशिश की है।मुख्तार अब्बास नकवी (केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री)
बता दें कि आखिरी बार भारत से हज यात्री 2019 में गए थे। उस समय एक यात्री को अजीजिया कैटेगरी के लिए 2.36 लाख रुपये और ग्रीन कैटेगरी के लिए 2.82 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते थे। लेकिन 2022 की मौजूदा यात्रा के लिए भारतीयों को 3.35 लाख रुपये से 4.07 लाख रुपये के बीच खर्च करना पड़ रहा है। ये दरें उन यात्रियों के लिए हैं जिन्हें सरकार की ओर से भेजा जा रहा है। वहीं अगर प्राइवेट आपरेटरों की बात करें तो एक हज यात्री को 6 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
सऊदी अरब सरकार ने इस साल भारत के लिए 79,237 हज यात्रियों का कोटा तय किया है। इनमें से 56,601 सीटें हज कमेटी ऑफ इंडिया (एचसीओआई) के लिए हैं, जबकि शेष 22,636 सीटें निजी टूर ऑपरेटरों के लिए हैं। राज्यों के मुताबिक भारत की हज कमेटी तय करती है कि कितने हज यात्री कहां से जा सकते हैं। अहमदाबाद, बैंगलोर, कोच्चि, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और श्रीनगर ऐसे 10 बिंदु हैं जहां से हज यात्रियों के लिए उड़ानें निकलती हैं।