धर्म

हज यात्रा हुई महंगी फिर भी इस बार लगभग 80 हजार हाजी, इनमें से 50 फीसदी महिला यात्री, कोरोना के बाद पहला हज

हज यात्रा के लिए सब्सिडी के नाम पर दशकों से राजनीतिक छल किया जा रहा था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। मोदी सरकार में हज यात्रा को बहुत पारदर्शी बनाया गया है और सब्सिडी खत्म होने के बाद भी तीर्थयात्रियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं है

Deepak Kumawat

कोरोना महामारी में प्रतिबंध के बाद सऊदी सरकार ने इस साल विदेशियों को हज करने की इजाजत दी है। दुनिया भर से हज यात्री सऊदी पहुंचने लगे हैं। भारत से भी उड़ानें शुरू हो गई हैं। पहला जत्था आज दिल्ली से रवाना हुआ है, लखनऊ से पहली फ्लाइट भी बिते कल रवाना हुई है। इस साल भारत से कुल 79 हजार 237 हज यात्री जा रहे हैं जिनमें 50 फीसदी महिलाएं हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार हज यात्रा अधिक महंगी है।

मुख्तार अहमद ने जाना हज यात्रियों का हाल
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी रविवार को दिल्ली राज्य हज कमेटी द्वारा बनाए गए कैंपों में पहुंचे। नकवी ने हज कमेटी के अध्यक्ष मुख्तार अहमद के साथ हज यात्रा पर जाने वाले लोगों का हाल जाना। इस दौरान जहां नकवी और मुख्तार अहमद ने हज यात्रियों का अभिवादन किया, वहीं नकवी ने हज यात्रा के खर्च के बारे में भी बात की। यहां नकवी ने विशेष रूप से महिला हज यात्रियों से मुलाकात की और बताया कि इस बार 50 फीसदी महिलाएं हज यात्रा पर जा रही हैं।
हज यात्रा के लिए सब्सिडी के नाम पर दशकों से राजनीतिक छल किया जा रहा था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। मोदी सरकार में हज यात्रा को बहुत पारदर्शी बनाया गया है और सब्सिडी खत्म होने के बाद भी तीर्थयात्रियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं है। इस बार सऊदी अरब सरकार ने कुछ करों में वृद्धि की है, फिर भी हमने कम से कम दर पर हज यात्रा करने की कोशिश की है।
मुख्तार अब्बास नकवी (केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री)

3.35 लाख रुपये से 4.07 लाख रुपये के बीच आएगा खर्चा

बता दें कि आखिरी बार भारत से हज यात्री 2019 में गए थे। उस समय एक यात्री को अजीजिया कैटेगरी के लिए 2.36 लाख रुपये और ग्रीन कैटेगरी के लिए 2.82 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते थे। लेकिन 2022 की मौजूदा यात्रा के लिए भारतीयों को 3.35 लाख रुपये से 4.07 लाख रुपये के बीच खर्च करना पड़ रहा है। ये दरें उन यात्रियों के लिए हैं जिन्हें सरकार की ओर से भेजा जा रहा है। वहीं अगर प्राइवेट आपरेटरों की बात करें तो एक हज यात्री को 6 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।

सऊदी में होटलों पर बढ़ाया टैक्स
कोरोना ने पूरी दुनिया के सामने आर्थिक चुनौती पेश की है। इसका असर सऊदी पर भी पड़ा है, जिससे वहां भी कई नए बदलाव किए गए हैं। सऊदी में होटलों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है, साथ ही वहां वैट भी लगाया जा रहा है, जो करीब 15 फीसदी है. इसके अलावा फ्लाइट टिकट के रेट भी पहले के मुकाबले काफी महंगे हो गए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में वीजा की दरें भी चार गुना तक बढ़ गई हैं। इन्हीं सब कारणों से इस बार हज यात्रा पर ज्यादा खर्च हो रहा है।

79,237 हज यात्रियों का कोटा तय किया

सऊदी अरब सरकार ने इस साल भारत के लिए 79,237 हज यात्रियों का कोटा तय किया है। इनमें से 56,601 सीटें हज कमेटी ऑफ इंडिया (एचसीओआई) के लिए हैं, जबकि शेष 22,636 सीटें निजी टूर ऑपरेटरों के लिए हैं। राज्यों के मुताबिक भारत की हज कमेटी तय करती है कि कितने हज यात्री कहां से जा सकते हैं। अहमदाबाद, बैंगलोर, कोच्चि, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और श्रीनगर ऐसे 10 बिंदु हैं जहां से हज यात्रियों के लिए उड़ानें निकलती हैं।

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