डेस्क न्यूज़: चीन के गांसु प्रांत में आयोजित क्रॉस कंट्री माउंटेन मैराथन के दौरान 21 धावकों की मौत हो गई। हडि्डयों को गला दने वाली ठंड में हुई इस 100 किलोमीटर की दौड़ में सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। मैराथन का आयोजन जिंगताई काउंटी में येलो रिवर स्टोन फॉरेस्ट टूरिस्ट साइट पर किया गया था। तब शायद आयोजकों को अंदाजा नहीं था कि इस दौरान 21 प्रतिभागियों की जान चली जाएगी। बताया जा रहा है कि इन धावकों की मौत बर्फबारी, तेज बारिश और तेज आंधी जैसे खराब मौसम में फंसने से हुई है।
गांसू मैराथन का आयोजन पिछले महीने 23 मई को किया गया था। राहत और बचाव कार्य में लगे लोगों ने बताया कि सभी मृत धावकों की भीषण ठंड के कारण हाइपोथर्मिया से मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं। चीनी राज्य मीडिया सीजीटीएन ने बताया कि मृत धावकों में लियांग जिंग और हुआंग गुआनजुन शामिल हैं। ये दोनों चीन के शीर्ष घरेलू मैराथन धावक हैं।
गांसू मैराथन 2018 में शुरू किया गया था। चीनी एथलेटिक एसोसिएशन ने इस दौड़ को कांस्य पदक समारोह का नाम दिया है। मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में दौड़ होती है। पहली कैटेगरी में 5 किमी, दूसरी कैटेगरी में 21 किमी और तीसरी कैटेगरी में 100 किमी की रेस होती है। क्रॉस कंट्री मैराथन एक बहुत ही जोखिम भरी दौड़ मानी जाती है। ऐसी दौड़ में भाग लेने के लिए पहले से ही समान स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेना आवश्यक है।
चीन की इस मैराथन की गिनती दुनिया की सबसे कठिन क्रॉस कंट्री रेसों में होती है। इसमें धावकों को समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर अपनी पूरी ताकत लगानी होती है। इस दौड़ का अधिकांश मार्ग सुनसान है। इसके अलावा किसी भी धावक को इस दौड़ को पूरा करने के लिए 20 घंटे के भीतर लक्ष्य तक पहुंचना होगा। 100 किमी की इस दौड़ के लिए 9 चौकियां बनाई गई थीं। जिसमें यह हादसा चौकी नंबर 2 (24 किमी) और तीन (32.5 किमी) के बीच हुआ।
चीनी मीडिया के मुताबिक इस हिस्से को पूरी दौड़ में सबसे खतरनाक माना जाता है। इसमें भाग लेने वाले धावकों को रेत और चट्टानों से बनी खड़ी ढलानों से गुजरना होता है। खराब मौसम के चलते यहां के हालात और खराब हो गए। कई धावकों ने मौसम के कारण दौड़ छोड़ दी, जबकि कुछ ऐसे भी थे जो सुनसान जगहों पर अकेले फंस गए थे। तेज हवा ने उसका थर्मल कंबल फाड़ दिया। जिससे उनके शरीर का तापमान खतरनाक रूप से कम हो गया।
इस मैराथन से जुड़े चीनी अधिकारियों की लापरवाही ने दौड़ में भाग लेने वाले धावकों की जान ले ली। दौड़ शुरू होने से पहले आयोजकों ने प्रतिभागियों को मौसम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। धावकों को दी गई किट में थर्मल कंबल काफी छोटे थे। इतना ही नहीं ट्रैक के खतरनाक होने की सूचना के बावजूद आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए।