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Uttarakhand में फिर टूटा ग्लेशियर, मरने वालों की संख्या 8 हुई, रेस्क्यू में जुटी सेना

उत्तराखंड में चमौली के सुमना में ग्लेशियर टूटा है। जानकारी के अनुसार भारत-चीन सीमा के पास स्थित नीती घाटी के सुमना क्षेत्र में आईटीबीपी बटालियन की पोस्ट के पास ही यह घटना हुई है

savan meena

Uttarakhand में फिर टूटा ग्लेशियर : उत्तराखंड में चमौली के सुमना में ग्लेशियर टूटा है।

जानकारी के अनुसार भारत-चीन सीमा के पास स्थित नीती घाटी के सुमना क्षेत्र में आईटीबीपी बटालियन की पोस्ट के पास ही यह घटना हुई है।

सेना ने बताया कि भूस्खलन होने के बाद यहां 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं।

भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड ने बताया है कि चमोली के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने के बाद वहां फंसे 291 लोगों को तक बचाया जा चुका है।

ये लोग जोशीमठ के सुमना इलाके में बने बीआरओ कैंप में थे

और बर्फबारी के कारण भूस्खलन की चपेट में आ गए थे।

सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अमित शाह को दी जानकारी

Uttarakhand में फिर टूटा ग्लेशियर : वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट किया कि माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया है।

उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है

और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिये है।

एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये।

इसे लेकर उत्तरखंड के मुख्यमंत्री ने भी सूचना देते हुए ट्वीट किया था कि नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है।

इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है। मैं निरंतर जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में हूँ।

जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं।

एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये।

सुमना पोस्ट से आगे रिमझिम पोस्ट की तरफ ग्लेशियर टूटने की घटना हुई

एसडीआरएफ के प्रवक्ता निरीक्षक संजय रौथाण ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार की रात 10:16 बजे सुमना पोस्ट से आगे रिमझिम पोस्ट की तरफ ग्लेशियर टूटने की घटना हुई ,

जहां ग्रीफ द्वारा पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा था।

उन्होंने बताया कि रात में मौसम अत्यधिक खराब होने और हिमपात से मार्ग अवरुद्ध होने के बावजूद राहत दल इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा के नेतृत्व में रवाना हुआ।

एसडीआरएफ की एक अन्य टीम ग्राम रतूड़ा से जोशीमठ पहुंची

राणा ने सेटेलाइट फोन के माध्यम से जानकारी दी कि एसडीआरएफ की नौ सदस्यीय टीम हिमपात के कारण रास्ता अवरुद्ध होने की वजह से पैदल भाप कुंड पहुंची है

और ग्रीफ के 20 जवानों के साथ पैदल ही घटनास्थल पर जा रही है।

इसके अलावा, एसडीआरएफ की एक अन्य टीम ग्राम रतूड़ा से जोशीमठ पहुंच गई है।

इसके अलावा दो टीमों को मय रेस्क्यू उपकरणों और आवश्यक सामग्री के वाहिनी मुख्यालय तथा सहस्त्रधारा पोस्ट पर अलर्ट में रखा गया है

जो आवश्यकता पड़ने पर तत्काल घटनास्थल हेतु रवाना होगी।

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