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विश्व का सबसे पुराना बैंक बंद होने की स्थिति में, लोग इसे अपने परिवार का अहम हिस्सा मानते है जानें पूरी रिपोर्ट ?

savan meena

दुनिया का सबसे पुराना बैंक 'बंका मोंटे देई पासची डि सिएना' (Banca Monte dei Paschi di Siena) बंद होने के कगार पर है। यह बैंक इटली के सिएना शहर में है। इसकी स्थापना 1472 में हुई थी, जिसे पुनर्जागरण काल (Renaissance) की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है।

इसे 'मोंटे देई पासची' बैंक के नाम से जाना जाता है। पिछले महीने, बैंक को यूरोप में सबसे कमजोर ऋणदाता के रूप में स्थान दिया गया था। मोंटे देई पासची बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच यूरोपीय नियामकों द्वारा की गई थी। पता चला कि यह बैंक लंबे समय से वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त है। इसलिए यह भीषण मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसकी पूंजी पूरी तरह समाप्त होने की संभावना है।
मोंटे देई पासची बैंक के बंद होने का डर कई लोगों को चिंतित करता है। यह बैंक उनके सुनहरे दिनों की कई यादों से जुड़ा है।
 इसने सिएना में कई लोगों को रोजगार दिया है। इसने किंडरगार्टन, एम्बुलेंस सेवाओं सहित कई सार्वजनिक सुविधाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बैंक को खरीदने के लिए यूनीक्रेडिट बैंक आगे आया

स्थानीय इतिहासकार के अनुसार, 'मोंटे दे पासची सिएना' शहर की धमनियों में बहने वाला रक्त है। यह बैंक सिएना के हर परिवार का हिस्सा है। वहीं, इस बैंक को खरीदने के लिए यूनीक्रेडिट बैंक आगे आया है। इसने पिछले महीने कहा था कि वह मोंटे देई पासची को खरीदने के लिए तैयार है, बशर्ते सरकार बैंक के सभी डूबत कर्ज अपने पास रखे।

2008 में शुरू हुई थी बैंक की परेशानी

मोंटे देई पासची बैंक की परेशानी 2008 में शुरू हुई थी। इसके बाद इसने एक प्रतिद्वंद्वी बैंक का अधिग्रहण करने के लिए बड़ी राशि का भुगतान किया। इस अधिग्रहण से मोंटे देई पासची इंटेसा सानपोलो और यूनिक्रेडिट के बाद इटली का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनना चाहता था। अब इटली सरकार ने भी बैंक की स्थिति की सच्चाई को स्वीकार कर लिया है। सरकार ने 550 साल पुराने इस बैंक को बेचने की तैयारी कर ली है।

बैंक के वित्तीय संकट का जल्द समाधान निकालने का दबाव

बताया जा रहा है कि मोंटे देई पासची बैंक की बिक्री के बाद भी इसका नाम नहीं बदलेगा। इसका मुख्यालय सिएना से मिलान स्थानांतरित किया जाएगा। अभी मुख्यालय सिएना में किले जैसी इमारत में है। इटली के ट्रेजरी के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री लोरेंजो कोडोग्नो ने कहा कि बैंक को सरकारी अनुदान के साथ राष्ट्रीयकृत किया गया था। अब बैंक के वित्तीय संकट का जल्द समाधान निकालने का दबाव है।

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