डेस्क न्यूज़: अफ्रीकी देश माली में राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है मानों मौसम हो। ताजा बदलाव की घटना में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सेना के बागी जवानों ने गिरफ्तार कर लिया है। हाल ही में वहां नई सरकार बनी थी। सेना के इस कदम को तख्तापलट के तौर पर देखा जा रहा है।
दोनों सर्वोच्च नेताओं को राजधानी बमाको के पास काती स्थित सेना मुख्यालय में रखा गया है। राष्ट्रपति के गार्डों ने उनकी रक्षा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद विद्रोही सैनिकों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गए।
पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में, ECOWAS ने तुरंत राष्ट्रपति बाह नदाव और प्रधानमंत्री मोक्टार ओउने (Moctar Ouane) की रिहाई की मांग की। इस घटना से ठीक पहले सरकार ने सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटा दिया था और शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे इन्हीं अधिकारियों का हाथ बताया जा रहा है।
इकोवास ने अपने बयान में इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। वहीं, वैश्विक समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और माली की मदद करने का अनुरोध किया गया है। समूह का एक प्रतिनिधिमंडल भी जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए माली का दौरा कर सकता है।
वहीं, माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने भी नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है। यूएन ने कहा कि नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे जो भी है, उसे समय आने पर इस कार्रवाई का जवाब देना होगा।
इब्राहिम बाउबकर ने अगस्त में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह रक्तपात नहीं चाहते हैं। इसके बाद टीवी पर विद्रोहियों द्वारा यह घोषणा की गई कि वे लोगों की भलाई के लिए ऐसे कदम उठा रहे हैं और जल्द ही सरकार देश में वापसी करेगी। अब बागियों की कार्रवाई से उनके वादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अलकायदा (Al-Qaeda) और ISIS के आतंकियों ने पिछले कई सालों से माली में कोहराम मचा रखा है और आईएसआईएस (ISIS) ने देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। फ्रांस और यूएन की सेना ने भी वहां से आतंकियों को खदेड़ने का काम किया, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के चलते इस काम में ज्यादा सफलता नहीं मिली। आतंकवादी लगातार शहरों और सड़कों को निशाना बना रहे हैं।