न्यूज – अरुण जेटली के परिवार ने उन्हें मिलने वाली पेंशन को लेने से मना कर दिया है। इसके लिए उनकी पत्नी ने राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है। जिसमें उनका कहना है कि अरूण जेटली के परिवार को मिलने वाली पेंशन उन कर्मचारियों को दान कर दी जाए जिनकी तनख्वाह कम है। परिवार को पेंशन के तौर पर लगभग तीन लाख रुपये मिलते।
संगीता जेटली ने वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा, 'जिस महान कार्य को अरुण किया करते थे उनके उसी मार्ग पर चलते हुए मैं संसद से अनुरोध करती हूं कि एक दिवंगत सांसद के परिवार को मिलने वाली पेंशन को उस संस्थान के जरुरतमंद लोगों को दान कर दिया जाए जिसकी जेटली ने दो दशकों तक सेवा की है। यानी राज्यसभा के फोर्थ ग्रेड के कर्मचारियों को दी जाए। मुझे पूरा विश्वास है कि अरुण की भी यही इच्छा होती।'
अरुण जेटली के परिवार में पत्नी संगीता जेटली के अलावा बेटी सोनाली और बेटा रोहन हैं, ये दोनों भी अपने पिता की तरह वकील है।
पुर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में 24 अगस्त को निधन हो गया था। वह यहां कई दिनों तक आईसीयू में भर्ती थे। अरूण जेटली मोदी सरकार में वित्तमंत्री और रक्षा मंत्री रहे,
आपको बता दें कि साल 2010 में हुए संशोधन के बाद संसद से रिटायर होने वाले सदस्यों को 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है, साथ ही उनके कार्यकाल के एक साल के आधार पर 1500 रुपये अधिक मिलते हैं,
खास बात ये है कि पेंशन हर सदस्य को मिलती है, चाहे उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया हो गया नहीं, इसके अलावा किसी भी पूर्व सांसद के निधन के बाद उनके पति या पत्नी को पेंशन का आधा हिस्सा दिया जाता है।