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विधानसभा विशेष सत्र : लखीमपुर खीरी हिंसा पर विपक्ष ने किया हंगामा

लखनऊ: विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में आज डिप्टी स्पीकर पद के लिए वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही अन्य विधायी कार्य और महत्वपूर्ण अध्यादेशों को सदन के पटल पर लाया जा सकता है। 34 साल बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा।

Prabhat Chaturvedi

लखनऊ: विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में आज डिप्टी स्पीकर पद के लिए वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही अन्य विधायी कार्य और महत्वपूर्ण अध्यादेशों को सदन के पटल पर लाया जा सकता है। 34 साल बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा। इससे पहले विपक्षी दलों को आपसी सहमति से उपाध्यक्ष देने की परंपरा रही है। आज होने वाले मतदान के दौरान कुछ क्रॉस वोटिंग की भी संभावना है, जिससे सभी दल सक्रिय हो गए हैं। सभी विधायकों को अपने उम्मीदवार को वोट देने का संदेश दिया गया है।

विपक्ष ने जमकर किया लखीमपुर हिंसा को लेकर हंगामा

विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने लखीमपुर खीरी हिंसा के खिलाफ हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और विधान परिषद के नेता दीपक सिंह मौजूद रहे। वहीं, विधानसभा के विशेष सत्र से पहले समाजवादी पार्टी ने महंगाई को लेकर विधानसभा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

सपा के बागी विधायक को मिला बीजेपी का समर्थन

डिप्टी स्पीकर पद के लिए दो नामांकन हुए हैं, जिसमें एक समाजवादी पार्टी के बागी सदस्य नितिन अग्रवाल को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन मिला है और दूसरे सपा सदस्य नरेंद्र वर्मा ने नामांकन किया है। समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर नियमों और परंपराओं की हत्या का आरोप लगाया है। बीजेपी ने विपक्ष पर समय पर उम्मीदवार नहीं लाने का भी आरोप लगाया है। आज विशेष सत्र की शुरुआत में सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके बाद उपाध्यक्ष पद के लिए 11 से 1 बजे तक मतदान होगा। यह गुप्त मतदान होगा।

मंत्रणा समिति की बैठक में सभी डालो ने लिया भाग

सदन के संचालन को लेकर रविवार देर शाम कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी हुई। इसमें सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को व्यवस्थित तरीके से चलाने की सबसे अधिक अपेक्षा की है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि आज हुई बैठक में उपाध्यक्ष के चुनाव को स्वीकार कर लिया गया है। मौत का नोटिस 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजे सदन में लिया जाएगा। इसके बाद उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बैठक में नियम-301 और नियम-51 की जानकारी लेने पर सहमति बनी।

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