न्यूज – भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करना बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह सशस्त्र बलों का अपमान है और हम ऐसा नहीं होने देंगे।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा डॉ. मनमोहन सिंह की टिप्पणी सिर्फ शब्दों का खेल है कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के ऐसे बयानों पर देश विश्वास नहीं करेगा, डॉ मनमोहन सिंह उसी पार्टी के नेता है जिसने भारत के 46000 किलोमीटर की जमीन चीन को समर्पण कर दी।
बीजेपी अध्यक्ष डॉक्टर जेपी नड्डा का बयान उस वक्त आया जब डॉ. मनमोहन सिंह सिंह ने भारत चीन सीमा विवाद पर गलवान घाटी में हुई दोनों देशों की झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है।
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कांग्रेस को बार-बार हमारी सेनाओं की वीरता पर सवाल उठाना और उनका अपमान करना बंद कर देना चाहिए, एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त भी कांग्रेस ने ऐसा ही किया था उन्हें राष्ट्रीय एकता का मतलब समझना चाहिए और सेना का समर्थन करना चाहिए अभी भी बहुत देर नहीं हुई है।
बीजेपी नेता जेपी नड्डा के बयान के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जब आप और ट्विटर पर लिखा
'प्रिय श्री। नड्डा और भाजपा,
'राष्ट्रीय सुरक्षा' और भारत की 'क्षेत्रीय अखंडता' से समझौता करना बंद करें। यह हमारे सशस्त्र बलों और हमारे 20 शहीदों के लिए सबसे बड़ा असंतोष होगा। नीचे न झुकें, हम सरकार को हर संभव सहायता देंगे।"
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पत्र लिखकर कहा था कि प्रधानमंत्री को अपने शब्दों के निहितार्थ से सावधान रहना चाहिए, मनमोहन सिंह ने लिखा था प्रधानमंत्री को देश की सुरक्षा और सीमाओं से जुड़े मसलों और रणनीति के बारे में बोलते वक्त अपने हर शब्द के बारे में सजग रहना चाहिए, प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व घोषणाओं द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक तथा भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए, प्रजातंत्र में यह जिम्मेदारी देश के प्रधानमंत्री की होती है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा चीन गैरकानूनी तरीकों और अब बेशर्मी के साथ गलवान घाटी और पैंगगोंक झील पर अपना दावा जता रहा है वहां अप्रैल 2020 से लेकर अब तक कई बार चीन घुसपैठ कर चुका है हमें चीन की धमकियों के सामने नहीं झुकना चाहिए, चीन को भारतीय सीमाओं की अखंडता से समझौता करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
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