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बीजेपी सांसद ने CAA-NRC का विरोध करने वालों को बताया ‘ममता बनर्जी के कुत्तें’

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न्यूज –  बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने रविवार को बशीरहाट में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिन बुद्धिजीवियों को राज्य सरकार से पैसे मिलते हैं और वे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन नहीं करते हैं। वे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 'कुत्ते' हैं। पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी की टीएमसी छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुए सौमित्र खान ने मीडिया से कहा कि सीएए और एनआरसी के बारे में तथ्यों को जानने के बावजूद प्रतिष्ठित व्यक्ति उनके विरोध के साथ खड़े हैं।

शुक्रवार को उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ रैलियां करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपने तीखे बयान जारी रखते हुए कहा कि ये लोग परजीवी, जानवर और शैतान हैं। घोष ने कहा था कि कोलकाता की सड़कों पर बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ जीव बाहर आए हैं। ये परजीवी बुद्धिजीवी, जो दूसरे की जेब पर जीवन यापन और इंज्वाय करते हैं। वे तब कहां थे जब बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार हुआ था।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे भारत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह कानून तीन मुस्लिम बहुल देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्राप्त करने में मदद करेगा यदि वे 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर भारत आ गए थे। आलोचकों का कहना है कि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन करने के लिए बनाया गया है।

बंगाल में फिल्मी हस्तियों और संगीतकारों ने एनआरसी और नए नागरिकता कानून के विरोध में रैलियों में भाग लिया है। ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन अधिनियम, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की सबसे मजबूत आलोचकों में से एक हैं और केंद्र के नए नागरिकता कानून के खिलाफ नियमित रूप से विरोध प्रदर्शन करती रही हैं।

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