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सीएम बघेल बोले- एयर इंडिया और सिंधिया दोनों बिकाऊ, मोदी ने ‘महाराजा’ को सौंपी ब्रिकी की जिम्मेदारी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नए चेहरों को शामिल किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंधिया को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाए जाने पर हमला बोला

Manish meena

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नए चेहरों को शामिल किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंधिया को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाए जाने पर हमला बोला। सीएम बघेल ने कहा कि एयर इंडिया का लोगो महाराजा है और इसे बेचने की जिम्मेदारी मोदी सरकार ने सिंधिया को सौंपी है. बघेल ने कहा कि एयर इंडिया और सिंधिया दोनों बिकाऊ हैं।

सिंधिया के मंत्री बनने पर कांग्रेस नेता ने मध्यप्रदेश के एक मंत्री को भेजा था बोरोनॉल

सिंधिया को मंत्री बनाए जाने को लेकर मध्य प्रदेश में बीजेपी और

कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. गृह मंत्री नरोत्तम

मिश्रा ने कहा था कि जो लोग पूर्व कांग्रेसी सिंधिया के नरेंद्र मोदी

कैबिनेट में शामिल होने से जलन महसूस कर रहे हैं, उन्हें बोरोनॉल दी जानी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा था कि जब कांग्रेस ने

सिंधिया के विश्वासघात के बारे में बयान जारी किया, तो मिश्रा ने कहा कि वह हमें बोरोनॉल भेजेंगे।

अब हमने मिश्रा को बोरोनॉ मरहम की दो ट्यूब भेजी हैं क्योंकि उन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मरहम की ट्यूबों को एक ई-कॉमर्स साइट के जरिए भेजा गया है।

सलूजा ने कहा, 'उनमें से एक ट्यूब शिवराज सिंह चौहान की ओर से है क्योंकि मिश्रा की नजर उनके पद पर थी।

एक अन्य ट्यूब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से है क्योंकि मिश्रा उनके प्रति आसक्त हैं और लगातार उनके बारे में बात करते हैं।'

प्रदेश भाजपा सचिव राहुल कोठारी ने कहा कि यह कांग्रेस की ओछी हरकत

कोठारी ने पलटवार करते हुए कहा, यह कांग्रेस की ओछी हरकत। विपक्षी दल हमें बताएं कि कमलनाथ को किस तरह के मरहम की जरूरत है क्योंकि वह केवल हवाई यात्रा करते हैं और अब सिंधिया उड्डयन मंत्री बन गए हैं।
गौरतलब है कि सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का मार्च 2020 में पतन हो गया था। इसके तत्काल बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा मध्यप्रदेश की सत्ता में लौट आई थी।

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