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सीएम गहलोत का मोदी और बीजेपी पर हमला: गहलोत बोले- राजीव गांधी दलबदल विरोधी कानून लाए, बीजेपी ने विधायकों से इस्तीफा कराकर तोड़ निकाला

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी के समय में दलबदल विरोधी कानून के बहाने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा- राजीव गांधी ने आयाराम-गयाराम की बुराई को राजनीति में दलबदल से रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून बनाया. आज इस दलबदल काननू का तोड़ निकाल लिया है कि विधायकों से इस्तीफे दिलवा दीजिए। ऐसा कई राज्यों में हुआ है। इस तरह चुनी हुई सरकारें बदल रही हैं। ऐसे हालात में देश चल रहा है

Manish meena

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी के समय में दलबदल विरोधी कानून के बहाने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा- राजीव गांधी ने आयाराम-गयाराम की बुराई को राजनीति में दलबदल से रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून बनाया. आज इस दलबदल काननू का तोड़ निकाल लिया है कि विधायकों से इस्तीफे दिलवा दीजिए। ऐसा कई राज्यों में हुआ है। इस तरह चुनी हुई सरकारें बदल रही हैं। ऐसे हालात में देश चल रहा है।

गहलोत ने दलबदल विरोधी कानून के बहाने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा

नई पीढ़ी को समझना होगा। यह बात आप इतिहास पढ़कर समझेंगे।

इतिहास वही बना सकता है जो इतिहास का अध्ययन करता है। उसे

समझो। गहलोत राजीव गांधी जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम

में बोल रहे थे।

नाम बदलना बहुत आसान है, लेकिन इससे इतिहास नहीं बनता- गहलोत

गहलोत ने कहा- आज सत्ता में बैठे लोग परंपराओं की बात करते हैं.

व्यवहार में, उनसे आलोचना भी बर्दाश्त नहीं की जाती है।

आलोचना करने वालों को देशद्रोही माना जाता है।

देश जिस तरह से चल रहा है, उससे हमें चिंतित होनी चाहिए।

नाम बदलना बहुत आसान है, लेकिन इससे इतिहास नहीं बनता।

तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर इतिहास नहीं बदला जा सकता।

नाम बदलना उनके स्वभाव में है। नाम बदलकर इतिहास बनाना मुश्किल है।

राजीव गांधी ने असम में सरकार की कुर्बानी दी

गहलोत ने कहा- मैं राजीव गांधी से तब जुड़ा था जब वह पीएम थे। उस समय असम समझौता पारित किया था। असम समझौते के समय वहां कांग्रेस की सरकार थी। समझौते के फैसले से कांग्रेस सरकार को नुकसान हो रहा था। राजीव गांधी ने प्रफुल्ल कुमार महंतो और असम गण परिषद के लोगों को महत्व दिया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया। देश एकजुट और अखंड रहे, इसलिए राजीव गांधी ने असम में कांग्रेस सरकार का बलिदान दिया।

18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट देने का विरोध हुआ था

गहलोत ने कहा- राजीव गांधी ने देश में आईटी क्रांति के साथ देश को आगे ले जाने के फैसले लिए। फैसले उनके लिए हर क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए। राजीव गांधी ने 18 साल के युवाओं के लिए मतदान के अधिकार का कानून बनाया। उस समय पार्टी के मंत्रियों ने इस प्रावधान का विरोध करते हुए कहा था कि इससे नुकसान होगा। राजीव गांधी लोकतंत्र में युवाओं को भागीदारी देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विरोध को दरकिनार कर 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार देने का कानून बनाया।

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