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WHO का बड़ा दावा – अबतक दुनिया के 17 देशों में मिला भारतीय वेरिएंट, तेजी से अन्य देशों में फैल रहा

कोरोना वायरस का भारतीय प्रकार अब दुनिया के दूसरे देशों में भी पैर पसारने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का दावा है कि अब तक करीब 17 देशों में इसके पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।

savan meena

WHO का बड़ा दावा : कोरोना वायरस का भारतीय प्रकार अब दुनिया के दूसरे देशों में भी पैर पसारने लगा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का दावा है कि अब तक करीब 17 देशों में इसके पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक बीते हफ्ते पूरी दुनिया में कोरोना के 57 लाख नए मामले सामने आए।

इस दौरान कोरोना वायरस का 'भारतीय प्रकार' जिसे बी 1617 का नाम दिया गया है

और दो बार रूप परिवर्तित कर चुके प्रकार' के तौर पर भी जाना जाता है, कम से कम 17 देशों में पाया गया है।

2016 में फ्लू जीनोम पर डेटाबेस साझा करने के लिए तैयार किया गया था

WHO का बड़ा दावा : डब्ल्यूएचओ ने बयान में कहा कि मंगलवार को कम से कम 17 देशों से

जीआईएसएआईडी ओपन-एक्सेस डेटाबेस पर अपलोड किए गए

1,200 से ज्यादा सिक्वेंस में इस वैरिएंट के होने का पता चला है।

संगठन ने महामारी पर अपने साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा कि इसके ज्यादातर सिक्वेंस भारत,

ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर से अपलोड किए गए थे। जीआईएसएआईडी एक जर्मन गैर लाभकारी संगठन है,

जिसे साल 2016 में फ्लू जीनोम पर डेटाबेस साझा करने के लिए तैयार किया गया था।

पिछले हफ्ते दुनिया भर से करीब 57 लाख मामलों की पुष्टि हुई

डब्ल्यूएचओ ने अपने अपडेट में कहा कि दुनिया भर में पिछले लगातार नौ हफ्तों से कोरोना के मामलों में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।

पिछले हफ्ते दुनिया भर से करीब 57 लाख मामलों की पुष्टि हुई थी, जो पहले दर्ज हुई अधिकतम संख्या को पार कर गया है। भारत की बात करें, तो यहां पिछले हफ्ते में पूरी दुनिया के कुल मामलों का 38 प्रतिशत केस दर्ज हुआ है।

भूमिका को समझने के लिए और जांच किए जाने की जरूरत

डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में कहा कि जीआईएसएआईडी को सौंपे गए अनुक्रमों पर आधारित प्रारंभिक प्रतिरूपण से सामने आया है कि कोरोना का प्रकार बी 1.617 भारत में प्रसारित अन्य प्रकारों से अधिक गति से विकसित हो रहा है, जो संभवत: अधिक संक्रामक भी है।

इसक साथ ही प्रसारित हो रहे वायरस के अन्य प्रकार भी अधिक संक्रामक मालूम हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसके कारकों की भूमिका को समझने के लिए और जांच किए जाने की जरूरत है।

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