डेस्क न्यूज – पतंजलि ग्रुप से आयुष मंत्रालय ने कहा है कि इस दावे के परीक्षण होने तक इस दवा का प्रचार-प्रसार न करें, इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार के सम्बंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी से पतंजलि ग्रुप के प्रोडक्ट की अप्रूवल की कॉपी भी मांगी गई है।
गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने मंगलवार को कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा करते हुए , कोरोनिल नाम की मेडिसिन लॉन्च की है। इस मेडिसिन के जरिए कोरोना के मरीजों को ठीक करने का दावा किया गया है।
जयपुर में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और डॉ. बीएस तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। बता दें कि मंगलवार को जयपुर के गांधी नगर थाने में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. संजीव गुप्ता ने ये परिवाद दर्ज करवाया है। ये परिवाद बाबा रामदेव की ओर से लॉन्च की गई कोरोना की दवा को लेकर करवाया गया है। जिसमें वादी ने बाबा रामदेव की लॉन्चिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से गलत बताते हुए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ बताया है।
भारतीय दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स मुंबई ने शनिवार को ही कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एक एंटीवायरल दवा फेविपिराविर की 'फैबिफ्लू' को लॉन्च किया था।
आयुष मंत्रालय और ICAR एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे
पतंजलि की कोरोना से क्योर का दावा करने वाली दवा 'कोरोनिल' को लेकर आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और आयुष मंत्रालय दोनों ने पल्ला झाड़ लिया , आयुष मंत्रालय ने कहा है कि आईसीएमआर के अधिकारी ही इस बारे में सही जानकारी दे पाएंगे, आईसीएमआर के अधिकारियों के मुताबिक आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सभी जिम्मेदारी आयुष मंत्रालय का है।
जाहिर है दोनों योग गुरु के दावे से पल्ला झाड़ रहे हैं, सवाल यह उठता है कि अगर योग गुरु कोरोना के खिलाफ कारगर दवाई बनाने का दावा कर रहे हैं तो फिर आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर इस पर अपना स्पष्ट बयान क्यों नहीं दे रहे हैं?
मंगलवार को 'कोरोनिल' दवा लांच की थी
इससे पहले मंगलवार को योग गुरु रामदेव ने हरिद्वार में कोरोनिल दवा की लॉन्चिंग की, योग गुरु ने दावा करते हुए कहा कि हमने दो ट्रायल किया था, पहला- क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी, दूसरा- क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल।
बाबा रामदेव का कोरोनिल से 100 फीसदी रिकवर का दावा
रामदेव ने कहा कि दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में हमने क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी किया है, इसके तहत हमने 280 रोगियों को शामिल किया, क्लिनिकल स्टडी में 100 फीसदी मरीजों की रिकवरी हुई और एक भी मौत नहीं हुई, कोरोना के सभी चरण को हम रोक पाए, दूसरे चरण में क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल किया गया।
योग गुरु ने दावा किया कि 100 लोगों पर क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल की स्टडी की गई, 3 दिन के अंदर 69 फीसदी रोगी पॉजिटिव से निगेटिव हो गए, यह इतिहास की सबसे बड़ी घटना है, सात दिनों के अंदर 100 फीसदी रोगी रिकवर हो गए, हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है।
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