न्यूज़- राजधानी दिल्ली में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी के मौजपूर, जफराबाद इलाकों में रविवार से हो रही हिंसा का आज चौथा दिन है और अब तक इस हिंसा के कारण करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है वहीं 17 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें एक हेड कॉन्स्टेबल Ratan Lal शामिल है। लगातार जारी हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री के अलावा एनएसए अजीत डोभाल भी मैदान में उतरे हैं। जहां एक तरफ हिंसा की आग बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ अफवाहों का भी बाजार गर्म है। यही कारण है कि लोग इन इलाकों से पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सीएए के विरोध की आड़ में दिल्ली में हो रही हिंसा को लेकर अफवाहें फैल रही हैं। इससे घबराए दिल्ली के करीब 300 परिवारों ने गाजियाबाद में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने की सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सूचना के अनुसार पुलिस ने ऐसे कुछ परिवारों की जानकारी ली है, जबकि अन्य परिवारों को चिह्नित किया जा रहा है। पलायन करने वाले परिवारों में से ज्यादातर जाफराबाद, करावल नगर आदि क्षेत्रों के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
इस मामले में गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय का कहना है कि कुछ परिवार दिल्ली से लोनी अपने रिश्तेदारों के घर रहने आए हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी गाजियाबाद प्रशासन की है। गाजियाबाद प्रशासन लोगों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी का कहना है कि लोगों की सुरक्षा के लिए बॉर्डर और क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उपद्रवियों को दिल्ली से लोनी में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जा रही है। भ्रामक पोस्ट अपलोड करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
देखते ही गोली मारने के आदेश
दिल्ली में तीसरे दिन हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दिया है। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के इस आदेश के बाद दंगा प्रभावित सभी इलाके में लाउडस्पीकर से एनाउंस कर कहा गया कि दंगा करने वालों को देखते ही गोली मार दी जाएगी। धारा-144 का कोई असर न देखते हुए पुलिस ने मंगलवार देर शाम चार इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया।