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सर्विलांस सेल के दीवान और दो सिपाही हुए रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित

सर्विलांस सेल के दीवान और आचरा चौकी के दो आरक्षकों को निलंबित किए जाने के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय विधायक सुशील शाक्य ने उक्त मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की।

Prabhat Chaturvedi

उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं | हाल ही में गोरखपुर में एक व्यापारी की हत्या का दाग लगने के बाद भी खाकी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है। अब इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया है। दरअसल, एसपी ने जिले के जनसुविधा केंद्र के संचालक को हिरासत में लेकर दो लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में सर्विलांस सेल दीवान और मेरापुर के आचरा पुलिस चौकी के दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया है। वहीं संचालक की शिकायत पर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच कर रहे सीओ कायमगंज ने पीड़िता का बयान दर्ज किया है। इस घटना के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

महकमे में मचा हड़कंप

सर्विलांस सेल के दीवान और आचरा चौकी के दो आरक्षकों को निलंबित किए जाने के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय विधायक सुशील शाक्य ने उक्त मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। दरअसल, आधार कार्ड बनवाने का केंद्र फर्रुखाबाद शहर के हाउसिंग डेवलपमेंट कॉलोनी निवासी अभिनव गुप्ता है।

पूर्व में उन्होंने एसपी को फर्जीवाड़े की अर्जी दी थी। जब एसपी ने नगर कोतवाली प्रभारी को कार्रवाई का आदेश दिया था और सर्विलांस सेल को जालसाजों के बारे में पता लगाना चाहिए।

इस मामले में सर्विलांस प्रकोष्ठ के दीवान सत्येंद्र कुमार ने पुलिस अधिकारियों को बिना सूचना दिए मीरापुर थाना के आचरा थाना के आरक्षक कपिल सिंह व क्षेत्र के गांव नूरनगर निवासी जन सुविधा केंद्र संचालक रंजीत शाक्य रिंकू को पकड़ लिया।

दो लाख की मांगी थी रिश्वत

दोनों आरक्षक रंजीत को आवास विकास पद पर ले आए। यहां से निकलने के नाम पर दो लाख रुपए मांगे। मामले की सूचना पर जब अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य चौकी पहुंचे तो पुलिसकर्मी फरार हो गए। विधायक के कहने पर प्रभारी पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप ने सीओ कायमगंज सोहराब आलम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर निगरानी प्रकोष्ठ के दीवान सत्येंद्र कुमार, कांस्टेबल कंपिल कपिल और रिंकू को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया।

संचालक रणजीत की शिकायत पर की गयी कारवाई

जन सुविधा केंद्र के संचालक रंजीत की शिकायत पर मेरापुर पुलिस ने दो अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच सीओ कायमगंज ने मंगलवार को मेरापुर थाने में रंजीत का बयान लिया। एसपी प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। चर्चा में जो नाम आएंगे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि अभिनव गुप्ता नाम का एक सज्जन है, जिसने यहां आवास विकास चौकी क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक में आधार कार्ड बनाने की मशीन लगा रखी है। उसने अर्जी दी थी कि उसके साथ कुछ गलत किया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था और निगरानी प्रकोष्ठ को आरोपी का पता लगाने का निर्देश दिया था।

इस मामले में आचरा चौकी के दो जवानों ने नूरपुर से रंजीत नाम के शख्स को उठाकर चौकी पर ले आए। वहीं, रंजीत ने आरोप लगाया कि उसे गलत तरीके से उठाया गया और उससे दो लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे गए।

इसी क्रम में इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करते हुए जांच की जा रही है। इसके साथ ही रंजीत सिंह के आवेदन पर उसके खिलाफ थाना मेरापुर में भी मामला दर्ज कराया जाएगा। इसकी जांच क्षेत्राधिकारी कायमगंज द्वारा की जाएगी। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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