न्यूज – कोरोना व देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष बैंकों की ऑडिट प्रक्रिया आगे बढ़ गयी थी। इसी वजह से रिज़र्व बैंक ने भी ऑडिट प्रक्रिया को पूर्ण करने की समयसीमा में छूट प्रदान की थी।
मगर एसबीआई ने 30 अप्रैल को देशभर के सभी सीए को ईमेल कर 2 मई तक अपनी मंजूरी देकर 5 मई से आवंटित शाखाओं में ऑडिट कार्य पूर्ण करने का तुग़लकी फरमान ज़ारी कर दिया। इस समय देश में लॉकडाउन 2.0 चल रहा था।
यद्यपि ग्रीन व ऑरेंज ज़ोन में छूट प्रदान की गयी है, इंदौर कलेक्टर ने ऐसी किसी भी छूट से इनकार कर दिया है क्योंकि यहां स्थिति अब भी गंभीर है व इंदौर रेड जोन में है।
एसबीआई द्वारा इन निर्देशों का पूरी तरह उल्लंघन किया जा रहा है व सभी सीए को समय पर ऑडिट पूर्ण करने हेतु विवश किया जा रहा है जबकि सरकार ने हर नागरिक को घर में रहने का कहा है।
एसबीआई इसके लिए पास भी जारी कर रही है जिनमे से कई तो पुरानी तिथि के हैं। पास जारी करने की शक्तियां केवल कलेक्टर में निहित हैं जिनसे सच्चाई छुपाकर बैंक पास जारी नही करा सकती है।
सभी सीए की सुरक्षा को दांव पर लगाया जा रहा है जबकि ऑडिट प्रक्रिया अत्यावश्यक भी नही है।बैको में सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना भी मुश्किल है। अब सवाल केवल यह उठता है कि क्या एसबीआई कानून से ऊपर है?
इंदौर कलेक्टर व राज्य सरकार को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए व ऑडिट प्रक्रिया को सामान्य नागरिकों कर लिए आना-जाना बहाल होने तक स्थगित कर देना चाहिए।