डेस्क न्यूज़- सत्तारूढ़ दल भाजपा चंदे के मामले में काफी बढ़त बनाए हुए है, जहां उसे 2019-20 में 271.5 करोड़ रुपये मिले थे, यह राशि इलेक्टोरल ट्रस्ट की कुल फंडिंग का 80 फीसदी है, इसमें सबसे ज्यादा डोनेशन टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और डीएलएफ लिमिटेड ने दिया है, इसके अलावा भाजपा को प्रूडेंट से 217.75 करोड़ रुपये, जन कल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से 45.95 करोड़ रुपये, एबी जनरल ट्रस्ट से 9 करोड़ रुपये और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से 3.75 करोड़ रुपये मिले।
वहीं अगर विपक्षी कांग्रेस की बात करें तो वह बीजेपी से काफी पीछे है क्योंकि उसके खाते में सिर्फ 58 करोड़ रुपये आए, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 31 करोड़, जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से 25 करोड़ और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से 2 करोड़ रुपये, चुनाव आयोग ने 2019-20 के लिए अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट भी जारी कर दी है, जिसमें 35 मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टियों के नाम शामिल हैं, इसमें टीआरएस ने सबसे ज्यादा 130.46 करोड़ की कमाई दर्ज की है, इसके बाद शिवसेना ने 111.4 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी ने 92.7 करोड़ रुपये की आय घोषित की है।
अन्य दलों की बात करें तो बीजद को 90.35 करोड़, अन्नाद्रमुक को 89.6 करोड़, द्रमुक को 64.90 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 49.65 करोड़ रुपये मिले, रिपोर्ट के अनुसार, पार्टियों की आय में चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से प्राप्त चंदे सहित सभी स्रोत शामिल हैं, 2019-20 के लिए कांग्रेस की कुल आय 682 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25% कम है।
वहीं क्षेत्रीय दलों ने भी 2019-20 में चुनावी बांड से अच्छी कमाई की, जिसमें टीआरएस को 89.15 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी को 74.35 करोड़ रुपये, बीजद को 50.5 करोड़ रुपये, द्रमुक को 45.5 करोड़ रुपये, शिवसेना को 40.98 करोड़ रुपये मिले हैं, इसके बाद आप को 17.76 करोड़, समाजवादी पार्टी को 10.84 करोड़, जेडीएस को 7.5 करोड़, अन्नाद्रमुक को 6.05 करोड़ और राजद को 2.5 करोड़ मिले हैं, हालांकि इलेक्टोरल ट्रस्ट ने यह नहीं बताया कि बिड़ला कॉरपोरेशन से आए 3 करोड़ रुपये किस पार्टी को मिले।