News

इजरायल की EU से मांग, ‘दो टूक शब्दों में उसे समर्थन दे और फिलिस्तीन की निंदा करे’

savan meena

इजरायल की EU से मांग, 'दो टूक शब्दों में उसे समर्थन दे और फिलिस्तीन की निंदा करे' : फिलस्तीनियों पर इस्राइल के जारी हमलों के सवाल पर यूरोपियन यूनियन (ईयू) में गहरे मतभेद पैदा हो गए हैं। इसीलिए ईयू इस मामले में कोई साझा रुख तय नहीं कर पाया है। इसे देखते हुए ईयू के विदेश नीति संबंधी प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने ईयू देशों की एक बैठक बुलाई है।

इजरायल की EU से मांग, 'दो टूक शब्दों में उसे समर्थन दे और फिलिस्तीन की निंदा करे' :  वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में इजरायल और फिलस्तीनी इलाकों से लगातार दागे जा रहे राकेटों और बड़ी संख्या में फिलस्तीनियों की मौत के सवाल पर विचार किया जाएगा। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इस बारे में ईयू कोई साझा रुख तय कर पाएगा, इसकी संभावना नहीं है।

ईयू देशों के बीच इजरायल-फिलस्तीन के सवाल पर लंबे समय से गहरे मतभेद रहे हैं। गौरतलब है कि रविवार को संयुक्त राष्ट्र में ईयू के राजदूत ओलोफ स्कूग ने एक बयान दिया। इसमें हिंसा की निंदा की गई। लेकिन ईयू के सदस्य हंगरी ने तुरंत उस पर एतराज जता दिया। इसके बाद ये साफ किया गया कि स्कूग ने वो बयान ईयू के सदस्य देशों की तरफ से नहीं दिया था। गौरतलब है कि हंगरी के इस्राइल से निकट रिश्ते हैं।

ईयू में नहीं बन रहीं सहमति

पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि जोसेफ बॉरेल ने भी ईयू के सभी 27 देशों की सहमति के बिना ही इस मुद्दे पर बयान दिए हैं। इसलिए उन बयानों को उनका निजी वक्तव्य बताया गया है। असल में विदेश नीति संबंधी मसलों पर ईयू के सभी सदस्य देशों में सहमति बनाना हमेशा से एक मुश्किल चुनौती रहा है। जानकारों का कहना है कि इसीलिए अंतरराष्ट्रीय मसलों मे हस्तक्षेप करने की ईयू की क्षमता बेहद सीमित रही है।

इजरायल की ने ईयू से मांग की है कि वह दो टूक शब्दों में उसे समर्थन दे और फिलस्तीनी गुट हमास की निंदा करे

अब यही बात इजरायल-फिलस्तीन की ताजा लड़ाई में जाहिर हुई है। इजरायल ने ईयू से मांग की है कि वह दो टूक शब्दों में उसे समर्थन दे और फिलस्तीनी गुट हमास की निंदा करे। उसने ध्यान दिलाया है कि ईयू ने पहले से ही हमास को आतंकवादी गुटों की सूची में रखा हुआ है।

उधर फिलस्तीनियों ने आरोप लगाया है कि इस्राइल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर उनके नागरिक इलाकों पर हमले कर रहा है और इसके बीच ईयू चुप बैठा हुआ है। फिलस्तीनियों के मुताबिक फिलस्तीन के इलाकों पर इस्राइली कब्जे और फिलस्तीनियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर भी ईयू ने चुप्पी साध रखी है।

इयू के 27 सदस्य देशों के बीच बेल्जियम, आयरलैंड, स्वीडन और लक्जमबर्ग इस्राइल के कड़े आलोचक

दूसरी तरफ हंगरी, रोमानिया और बल्गारिया इस्राइल के कट्टर समर्थक हैं। जर्मनी के सत्ताधारी हलकों में हाल में इजरायल के प्रति सहानुभूति देखी गई है। ऑस्ट्रिया, ग्रीस, साइप्रस और चेक रिपब्लिक ने भी मौजूदा विवाद में इस्राइल का समर्थन किया है।

फ्रांस अक्सर इस मामले में तटस्थ रुख अपनाए रखता है। इसीलिए जोसेफ बॉरेल की बुलाई बैठक में कोई सहमति बन पाएगी, इसकी गुंजाइश नहीं है। बल्कि जानकारों का कहना है कि इस बैठक में एक बार फिर ऐसे अंतरराष्ट्रीय विवादों में ईयू की सीमाएं स्पष्ट होकर उभरेंगी, ऐसी संभावना ज्यादा है।

Like and Follow us on :

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार

Tamanna Bhatia यहां करती है इन्वेस्ट, करोड़ों का टर्नओवर

TCS के कर्मचारियों को इनकम टैक्स का झटका, लाखों का थमाया नोटिस