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उमर अब्दुल्ला और भूपेश बघेल का ट्वीट वार पहुंचा अदालत

उमर अब्‍दुल्‍ला ने एक ट्वीट में कहा कि वे ऐसे झूठे और घटिया आरोप सुनकर तंग आ गए कि राजस्थान में सचिन पायलट जो कुछ भी कर रहे हैं उसका किसी भी तरह से मेरे पिता या उनकी रिहाई से कुछ लेना देना है, बस अब बहुत हुआ

savan meena

डेस्क न्यूज – जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दूल्ला ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पर पलटवार किया, उमर अब्‍दुल्‍ला ने एक ट्वीट में कहा कि वे ऐसे झूठे और घटिया आरोप सुनकर तंग आ गए कि राजस्थान में सचिन पायलट जो कुछ भी कर रहे हैं उसका किसी भी तरह से मेरे पिता या उनकी रिहाई से कुछ लेना देना है, बस अब बहुत हुआ, भूपेश बघेल मेरे वकीलों का सामना करने के लिए तैयार रहिए।

फाइल चित्र

मुद्दे को छतीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने उमर अब्दूल्ला की रिहाई के साथ जोड़ा था

पिछले एक हफ्ते से राजस्थान कांग्रेस सरकार में उठापटक चल रही है, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के विधायकों की बाडेबंदी कर रखी है वहीं सचिन पायलट हरियाणा के किसी होटल में अपने विधायकों के साथ डेरा डाले हुए है, इसी मुद्दे को छतीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने उमर अब्दूल्ला की रिहाई के साथ जोड़ा था। आपको बता दे  कि सचिन पायलट की शादी उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला से हुई है।

सोमवार को, छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल ने कहा था, "मैं राजस्थान की घटनाओं को बारीकी से देख रहा हूं, लेकिन यह किसी को भी उत्सुक बनाता है कि उमर अब्दुल्ला को क्यों छोड़ा गया? उन्हें और महबूबा मुफ्ती जी को कानून के एक ही हिस्से के तहत नजरबंद किया गया था। जबकि अभी वह बाहर है"

झूठे आरोपों से तंग आ चुका हूं – उमर अब्दुल्ला

बघेल के आरोप का जवाब देते हुए, उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "मैं इस दुर्भावनापूर्ण और झूठे आरोप से तंग आ गया हूं कि सचिन पायलट जो कुछ भी कर रहे हैं, वह इस साल की शुरुआत में मेरे या मेरे पिता की हिरासत से छूट से जुड़ा है। भूपेश बघेल  से मेरे वकील बात करेंगे। उमर अब्दूल्ला ने अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी टैग किया।

नेशनल कांफ्रेंस ने एक विस्तृत बयान में कहा, "बघेल ने दुर्भावनापूर्ण रूप से सुझाव दिया है कि हमारे नेता उमर अब्दुल्ला को निरोधात्मक हिरासत से मुक्त करना किसी भी तरह सचिन पायलट या राजस्थान में वर्तमान राजनीतिक स्थिति से संबंधित था।"

SC में अब्दुल्ला की नजरबंदी के अवैध आदेश को चुनौती दी गई

इस बयान में आगे कहा गया है "ये बयान झूठा होने के साथ ही उमर अब्दुल्ला की प्रतिष्ठा के लिए भी अपमानजनक है। यह सार्वजनिक है कि श्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई न्यायिक हस्तक्षेप से मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में अब्दुल्ला की नजरबंदी के अवैध आदेश को चुनौती दी गई थी। अवैध हिरासत आदेश की अनिश्चित प्रकृति को देखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही के दौरान सरकार द्वारा इसे निरस्त कर दिया गया था"

उमर अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से हिरासत में थे

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने का निर्णय लिया था, तभी से उमर अब्दुल्ला सहित जम्मू कश्मीर के कई नेता घर में हिरासत में रखे गये थे।

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