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गुजरातः इंदिरा गांधी के नाम पर बनी इमारत को तोड़कर बनेगा ‘नरेंद्र मोदी’ भवन, प्रस्ताव पारित

गुजरात में इंदिरा गांधी के नाम पर बनी इमारत को तोड़कर और पीएम मोदी के नाम पर इमारत बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है। अब इस प्रस्ताव पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल को फैसला लेना है.

Manish meena

गुजरात में इंदिरा गांधी के नाम पर बनी इमारत को तोड़कर और पीएम मोदी के नाम पर इमारत बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है। अब इस प्रस्ताव पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल को फैसला लेना है.

गांधीनगर में इंदिरा गांधी प्रशिक्षण भवन को गिराकर नरेंद्र मोदी प्रशिक्षण भवन बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया

गांधीनगर में इंदिरा गांधी प्रशिक्षण भवन को गिराकर नरेंद्र मोदी

प्रशिक्षण भवन बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इससे जुड़ा

एक प्रस्ताव गुजरात पंचायत परिषद की बैठक में लाया गया, जिसे

बाद में पारित भी कर दिया गया. प्रस्ताव लाते समय कहा गया था कि

यह भवन बहुत पुराना है, इसलिए इसे तोड़कर नया भवन बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ ही नए भवन का नाम पीएम मोदी के नाम पर होना चाहिए।

इस प्रस्ताव को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल भी पीएम मोदी से मिलने जा रहा है.

परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद इसकी फाइल सीएम भूपेंद्र पटेल को भेज दी गई है। अब इस भवन को गिराने और नए नाम पर सीएम फैसला करेंगे। इस प्रस्ताव से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी देने के बाद इस प्रस्ताव को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल भी पीएम मोदी से मिलने जा रहा है.

प्रस्ताव सामने आने के बाद से ही कांग्रेस इसका कड़ा विरोध कर रही है

प्रस्ताव सामने आने के बाद से ही कांग्रेस इसका कड़ा विरोध कर रही है। गुजरात कांग्रेस ने कहा कि वह इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध करेगी। बीजेपी राजनीति कर रही है. गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने बीजेपी पर हमला करते हुए ट्वीट कर कहा- कुछ नया बनाया नहीं, बनाया हुआ बेचना शुरू कर दिया! जो बेच नहीं पा रहे, उस का नाम बदल रहे हैं! सरदार पटेल स्टेडियम अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम हो गया। अब इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान का नाम नरेंद्र मोदी रखा जायेगा। भाजपा के दिमाग में राष्ट्रीय नेताओं के प्रति जहर भरा हुआ है।

इस भवन का निर्माण 1983 में हुआ था

इस भवन का निर्माण 1983 में हुआ था। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और माधव सिंह सोलंकी मुख्यमंत्री थे। उस समय इस भवन की आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। इसीलिए इस भवन का नाम स्व. गांधी के नाम पर ही रखा गया था।आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस लगातार दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम का नाम पीएम मोदी के नाम पर रखने का विरोध करती रही है.

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