डेस्क न्यूज़ – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, ममता ने इस बातचीत के लिए एक शर्त भी रखी। उन्होंने कहा कि बातचीत से पहले मोदी को यह विवादित कानून वापस लेना होगा।
बंगाल ने सोमवार को सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया। राजस्थान, पंजाब और केरल के बाद वह ऐसा करने वाला चौथा राज्य बन गया है।
ममता ने कहा की अगर केंद्र बातचीत के लिए तैयार है तो उसे पहले सीएए को वापस लेना चाहिए। अगर वे इसे वापस लेते हैं तभी खुले दिमाग से इस पर बातचीत हो सकती है। जरूरत है कि प्रधानमंत्री देश के लोगों के बीच विश्वास कायम करें। उन्हें यह भरोसा दिलाना होगा कि सीएए वापस लिया जाएगा और एनपीआर और एनआरसी भी खत्म किए जाएंगे। सीएए पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री ने अभी तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई है, जबकि पिछले महीने प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि उनकी सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने के वाले किसी प्रस्ताव पर विचार–विमर्श नहीं किया है।
ममता ने बार–बार पाकिस्तान का जिक्र किए जाने पर भी मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हर बार पाकिस्तान का महिमामंडन किसलिए करते हैं? मुझे मेरे देश पर गर्व है। क्या पाकिस्तान का महिमामंडन भाजपा की चाल है? मुझे लगता है कि भाजपा पाकिस्तान की ब्रांड एम्बेसडर बन गई है। वह पाकिस्तान की बात ज्यादा करती है और भारत की कम।