न्यूज – आतंकवाद का पनाहगार पडोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी अर्थव्यव्सथा के संकट से तो जुझ ही रहा है। साथ ही अब वंहा पर सेना ने तख्तापलट की तैयारियां शुरू कर ली है। पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने पहले देश की राजनीति के दखल देना शुरू किया अब बाजवा ने वंहा कि अर्थव्यवस्था में दखल देना शुरू कर दिया है।
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अक्टूबर को पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने एक बडी गुप्त बिजनेस मींटिग की, इस मीटिंग में पाकिस्तान के बडे बिजनेस लीडर्स शामिल हुए। बताया जा रहा कि बैठक में आर्मी चीफ वर्दी की बजाए सूट-बूट में दिखाई दिये और बिजनेस लीडर्स के साथ में उन्होनें डिनर भी किया।
सेना के तख्तापलट की हवा तब तेज हो गई जब आर्मी चीफ कमर बाजवा के आदेश पर सेना ने 111 ब्रिगेड की छुट्टियां रद्द कर दी, पाकिस्तान में 111 बिग्रेड का ही इस्तेमाल हमेशा से तख्तापलट करने में किया जाता रहा है, ऐसे में अब इमरान खान की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान जिस प्रकार से दुनिया के मंच पर अपने ही देश को कटघरे में खड़ा कर रहे है, वही कश्मीर मुद्दे पर किसी देश का समर्थन जुटा पाने में असमर्थ रहनें से, वंहा कि सेना नाराज है, इमरान खान को पाकिस्तान आर्मी के समर्थन के कारण ही प्रधानमंत्री की कुर्सी मिली थी। इससे पहले भी पाकिस्तान में तीन बार सैन्य शासन लग चुका है। (1958-1971, 1977-1988, 1999-2008) पाकिस्तान में सैन्य शासन रहा है। पाक में सैन्य शासन की शुरुआत 1958 से हुई थी।
1947 में भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान में 11 साल बाद ही 1958 में जनरल अयूब खान ने तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली थी। दो साल बाद अयूब ने खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। पाकिस्तान में अंतिम बार सैन्य शासन 1999-2008 तक रहा। 1999 के दौरान पाकिस्तान आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर सत्ता हथिया ली थी। पाकिस्तान में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद वंहा से कभी भी तख्तापलट की खबर आ सकती है।