Balakot Air Strike

 

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Balakot Air Strike : 'बंदर' ने 3 साल पहले पाकिस्तान में मचाई थी तबाही, जानें 26 फरवरी 2019 को रात 3:30 बजे क्या हुआ था?

14 फरवरी 2019 का वह दिन, जिसे आज भी भारत भुला नहीं पाया हैं। इस दिन जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में जोरदार विस्फोट हुआ था। निशाने पर था CRPF के 78 वाहनों का काफिला। विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस पर पूरे देश में दुख और आक्रोश की लहर थी। और आज वह दिन है, जब भारत ने दुश्मन देश में घुसकर अपना बदला लिया।

Ishika Jain

14 फरवरी 2019 का वह दिन, जिसे आज भी भारत भुला नहीं पाया हैं। इस दिन जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में जोरदार विस्फोट हुआ था। निशाने पर था CRPF के 78 वाहनों का काफिला। विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस पर पूरे देश में दुख और आक्रोश की लहर थी। और आज वह दिन है, जब भारत ने दुश्मन देश में घुसकर अपना बदला लिया। आज से ठीक तीन साल पहले भारत ने पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा को पार कर बालाकोट में हवाई हमला किया था। इस एयर स्‍ट्राइक ने पाकिस्‍तान की जड़े हिलाकर रख दी थी, जिसे समझने में ही पकिस्तान को वक्‍त लग गया कि आखिर हुआ क्‍या?

दुश्मन के घर में घुसकर छलनी किया दुश्मन का सीना

14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद भारत की हालत चोट खाई हुई किसी शेरनी की तरह थी, जो इस आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अपने वीर सपूतों की शहादत का बदला किसी भी तरह से लेना चाहती थी और साथ ही अपने पड़ोसी मुल्‍क को एक नसीहत भी देना चाहती थी कि, अब बस बहुत हुआ, हम जख्‍मों को बर्दाश्‍त नहीं करेंगे और अगर जरूरत हुई तो सीमा पार जाकर भी वार करेंगे और भारत ने यह कर भी दिखाया। भारत ने अपने इस एक्‍शन से पाकिस्‍तान को तो साफ संदेश दिया ही, साथ ही दुनिया के अन्य देशों ने भी 'आत्‍मरक्षा' में उठाए गए भारत के इन कदमों को वाजिब करार दिया। भारत ने इसके लिए बेहद सटीक योजना बनाई थी और अपने इस प्लान को खास किस्‍म का कोडनेम भी दिया गया था।

ऑपरेशन 'बंदर' ने पकिस्तान में मचा दी थी तबाही
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय एयरफोर्स की इस कार्रवाई को ऑपरेशन 'बंदर' नाम दिया गया था, जब भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी, 2019 को सुबह करीब 3:30 बजे नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार की थी। और सिर्फ एलओसी ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने पर बम बरसाए। बता दें कि, जिस इलाके में भारतीय सेना ने बमबारी की, वहां आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना था, जिसे भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से तबाह कर दिया गया। भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में सुखोई Su-30 का इस्तेमाल भी किया था। बता दें कि, भारतीय अधिकारियों का यह 'बंदर' ऑपरेशन काफी गोपनीय था। ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने इस मामले में गोपनीयता बनाए रखने के लिए मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल भी नहीं किया। भारत का इस अभियान में इंटेलिजेंस सिस्टम रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी।

ऑपरेशन 'बंदर' के चंगुल में उलझ गया था पाकिस्तान

रॉ ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी, जिसने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी। 14 फरवरी 2019 को हुए इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। बालाकोट हवाई हमले के लिए ऑपरेशन 'बंदर' की सारी प्लानिंग वेस्‍टर्न एयर कमांड मुख्यालय के कंट्रोल स्टेशनों से की गई थी। बालाकोट में जैश के करीब 500 से 600 आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिली थी, जहां वायुसेना ने एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था। यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता थी, तो यह पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं था, जो बस ऑपरेशन 'बंदर' के जाल में फंस गया था।

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