गौरतलब है कि मकरंद जेएनयू, नई दिल्ली में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे हैं।
देश के प्रति जो हमारी भक्ति है वो आज से नहीं महाभारत-रामायण काल से है। स्वर्ग से भी मेरी मातृभूमि पूजनीय दिखती है। देश प्रेम होना चाहिए.... और ये दिखता भी है... लोगों के जेहन में अच्छे-बुरे सब तरह के विचार उपजने चाहिए.... लेकिन आक्रमक होना गलत है। ये बात जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने आए राइटर मकरंद आर. परांजपे का... दरबार हॉल में आयोजित सेशन नेशनहुड, 'पेट्रोटिज्म एंड देशभक्ति' में मकरंद ने अपनी बुक ‘जेएनयू’ पर विचार व्यक्त किए। गौरतलब है कि मकरंद जेएनयू, नई दिल्ली में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे हैं। उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में कार्य किया और 50 से अधिक पुस्तकों, 180 अकादमिक पत्रों और हजारों लेखों के लेखक और संपादक हैं।
एक समय था जब हर राष्ट्रविरोधी विचार जेएनयू से निकलकर अाता था
सरकार गिराने की साजिश तक मैंने जेएनयू में होते देखा है...
मकरंद ने कहा, जेएनयू में राष्ट्रवाद को लेकर जो हो रहा है उसका असर पूरे देश में है। सरकार गिराने की साजिश तक मैंने जेएनयू में होते देखा है। मैंने इसे कई बार रोकने की कोशिश भी की, लेकिन बदले में मुझे जेएनयू द्रोही का विरोध भी झेलना पड़ा। मेरी इस किताब में उन सभी मुद्दों को जगह दी है, इससे कुछ लोग खफा थे। किताब न छपे, इसके लिए काफी कोशिशें भी हुई। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि किताब छप पाई। जेएनयू को बंद करने के बजाय सुधार होने चाहिए, क्योंकि जेएनयू का देश में जो योगदान है उसकी भरपाई दूसरी जगह से नहीं हो सकती। एक समय था जब हर राष्ट्रविरोधी विचार जेएनयू से निकलकर आता था
अच्छे भी विचार भी जेएनयू से निकले...
देश में एक समय ऐसा भी था जब हर राष्ट्रविरोधी विचार जेएनयू से पनप रहा था। आगे अच्छे विचार भी यहीं से निकलेंगे। कुछ एजेंट हैं जो इस तरह के विचार फैला रहे हैं। इस किताब के माध्यम से देश को जोड़ने की बात की गई है।
मेरा कर्तव्य है कि मैं हर चीज पढूं और देखूं...
मैं किसी संघ के अधिकारी से मिलता हूं तो मुझे लोग उस विचार धारा से जोड़ देते है। मेरा कर्तव्य है कि मैं हर चीज पढूं और देखूं। वहीं यूपी में मोदी सरकार पर हिन्दुत्व के नाम पर चुनाव जीतने वाली बात पर मकरंद ने कहा- आरोप कुछ भी लग सकते हैं। लेकिन यूपी में बीजेपी ने गुड़ गवर्नेंस, पॉपुलैरिटी और अपने काम के दम पर चुनाव जीता है, जो कुछ लोगों रास नहीं आ रहा है। लोगों की सेवा करेंगे तो लोगों का सपोर्ट जरूर मिलेगा।