<div class="paragraphs"><p>रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद रेल में सवार होकर परीक्षण करते हुए</p></div>

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद रेल में सवार होकर परीक्षण करते हुए

 
India

‘कवच’ का परीक्षण सफलः रेलवे ने करवाई दो ट्रनों की आमने-सामने टक्कर

Lokendra Singh Sainger

भारतीय रेलवे के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा है। रेलवे ने आज हैदराबाद के सिकंदराबाद में ‘कवच’ नामक तकनीक का परीक्षण किया। जिसमें रेलवे ने फुल स्पीड में आ रही दो ट्रेनों की आपस में टक्कर करवायी।

इसमें एक तरफ ट्रेन में खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व अन्य अधिकारी सवार थे। वहीं दूसरी ओर ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद रहे। रेल मंत्री ने इस परीक्षण के कई वीडियोज ट्वीटर पर शेयर किये है।

इस तकनीक के माध्यम से जिस ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे के अधिकारी मौजूद थे, वह ट्रेन सामने आ रही ट्रेन से 380 मीटर की दूरी पर पहले ही रूक गई। रेल मंत्री ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें लोको-पायलट की केबिन में रेल मंत्री दिखाई दे रहे है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ''रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है, कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया।''

भारतीय रेलवे आत्मनिर्भर अभियान के तहत पहले से ही इस तकनीक पर काम कर रहा था। जिससे आगामी समय में जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें।

कवच स्वदेशी रूप से विकसित एक ऐसी तकनीक है जिसमें स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) का विकास किया गया है। इस तकनीक को निर्मित कर, ऐसा डिजाइन बनाया है जिससे ट्रेन को स्वचालित रूप से रोका जा सके।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कवच डिजिटल सिस्टम के माध्यम से रेड सिग्नल या कोई अन्य खराबी मिलते ही ट्रेन मेन्युअली रूक जाती है। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इसे लागू करने पर 50 लाख रूपये प्रति किलोमीटर का खर्च होगा जबकि दुनिया में ऐसी तकनीक मौजूद है और उसके लिए 2 करोड़ रूपये तक व्यय होते है।

कवच तकनीक का फायदा

इस तकनीक में किसी भी ट्रेन को ऐसे सिग्नल से गुजारा जाता है जहां से उसे गुजरने की अनुमति नहीं होती ऐसे में लोको पायलट के ट्रेन रोकने में विफल होने पर भी ट्रेन मेन्युअली रूक जाती है। ऐसी स्थिति में कवच तकनीक ट्रेन को एक्सीडेंट होने से बचा देती है।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह सेफ्टी सर्टिफिकेशन SIL-4 (सिस्टम इंटिग्रेटी लेवल-4) की पुष्टि करता है और साथ ही यह तकनीक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन पर काम करती है।

केंद्रीय बजट 2022 में हुई ‘कवच’ की घोषणा

कवच तकनीक को लेकर केंद्रीय बजट 2022 में घोषणा की गई। सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत, इस तकनीक को दो हजार किलोमीटर के क्षेत्र में लाएगा। कवच को अभी तक दक्षिण मध्य रेलवे की परियोजनाओं में 1098 किमी से अधिक मार्ग और 65 इंजनों पर लगाया जा चुका है। अब इस तकनीक को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा कॉरिडोर (3000 किमी) पर लागू करने की योजना है।

Bengal: 'बंगाल पर आतंकियों का कब्जा, ममता को गिरफ्तार करो, TMC को आतंकी संगठन घोषित करो' : भाजपा

UP News: कांग्रेस ने पहले देश को बांटा, आज संपत्ति बांटने की कर रही साजिश : सीएम योगी

EVM से हुए पहले चुनाव को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया रद्द, जानें पूरा मामला

हॉलीवुड में शुरुआती संघर्ष पर छलका Priyanka Chopra का दर्द, कहा वो था डरावने अनुभव

मां बनने के बाद सदमे में चली गई थी Sonam Kapoor, पति के साथ बदल जाता है रिश्ता