Tokyo Olympic 2020 : टोक्यो ओलंपिक में 23 वर्षीया भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को सेमीफाइनल मुकाबले में हार मिली है। वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने लवलीना को सर्वसम्मति (5-0) से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। इस हार के साथ ही लवलीना ने कांस्य पदक अपने नाम किया है। वह टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू और पीवी सिंधु के बाद पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बनी हैं।
पहले राउंड में दोनों मुक्केबाजों ने आक्रामक शुरुआत की। हालांकि, शीर्ष वरीय बुसेनाज ने बेहतर प्रदर्शन किया और सर्वसम्मति से पहला राउंड अपने नाम किया।दूसरे राउंड में बुसेनाज ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया और भारतीय मुक्केबाज पर दबाव बनाकर रखा। वहीं तीसरे राउंड में भी लवलीना प्रभाव नहीं छोड़ सकी और सेमीफाइनल में हार गई। विश्व चैंपियन बुसेनाज ने सर्वसम्मति से मुकाबला जीता।
लवलीना भारत की ओर से ओलंपिक में पदक जीतने वाली कुल तीसरी और सिर्फ दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई है।अब तक ओलंपिक में भारत की ओर से मुक्केबाजी में सिर्फ मैरीकॉम और विजेंदर सिंह ने पदक जीते हैं।
बता दें विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ने लंदन ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली असम की लवलीना ने वेल्टरवेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त चेन नेन को 4-1 से हरा दिया था।इससे पहले लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक में अपनी शानदार शुरुआत की थी। राउंड ऑफ 16 में लवलीना ने जर्मनी की नादिन आपेट्ज को 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी।आज सेमीफाइनल में उन्हें बुसेनाज से शिकस्त मिली है।
लवलीना ने नई दिल्ली में आयोजित हुई पहली इंडिया ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था।वह 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में वेल्टरवेट बॉक्सिंग कैटेगरी में भाग लेने के लिए चुनी गई थी, जिसमें वह क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं।लवलीना ने नवंबर 2017 में वियतनाम में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।उन्होंने जून 2017 में अस्ताना में आयोजित प्रेसिडेंट्स कप में भी कांस्य पदक जीता था।