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26 दिनों बाद फिर टूटा इजरायल-फिलिस्तीन में संघर्ष विराम, इज़राइल ने गाजा पट्टी से फिर किया हमला

इस्राइल और फ़िलिस्तीन में संघर्ष विराम 26 दिनों के बाद टूट गया है। इजरायली रक्षा बल (IDF) ने बुधवार को फिलिस्तीन में गाजा पट्टी के दक्षिणी क्षेत्र खान यूनिस में हवाई हमला किया

savan meena

26 दिनों बाद फिर टूटा इजरायल-फिलिस्तीन में संघर्ष विराम : इजरायल और फिलिस्तीन में संघर्ष विराम 26 दिनों के बाद टूट गया है। इजरायली रक्षा बल (IDF) ने बुधवार को फिलिस्तीन में गाजा पट्टी के दक्षिणी क्षेत्र खान यूनिस में हवाई हमला किया। आईडीएफ (Israel Defense Forces) ने एक बयान जारी कर कहा है कि गाजा से दक्षिणी इज़रायल के ऊपर विस्फोटक से भरे गुब्बारे छोड़े जा रहे हैं। उनके जवाब में यह कार्रवाई की गई है।

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों के युद्ध के बाद 21 मई को मिस्र की मदद से युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इजरायल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने इस हवाई हमले से संदेश दिया है कि फिलिस्तीन के प्रति उनकी नीति सख्त होने वाली है।

26 दिनों बाद फिर टूटा इजरायल-फिलिस्तीन में संघर्ष विराम : इजरायली बलों ने कतर के मीडिया हाउस अल जज़ीरा से कहा है कि उन्होंने हमास ( इजरायल इसे एक आतंकवादी संगठन मानता है) के ठिकानों पर हमला किया है और वे किसी भी तरह के हमले के लिए तैयार हैं। इससे पहले मई में 11 दिनों तक चले युद्ध में फिलिस्तीन के 253 लोग मारे गए थे। इसमें 66 बच्चे भी शामिल हैं। हमास के हमले में इजरायल के 13 लोग भी मारे गए थे।

मंगलवार को इज़राइल की दक्षिणपंथी पार्टियों ने फ्लैग मार्च किया था

इससे पहले मंगलवार को इजरायल की दक्षिणपंथी पार्टियों ने फ्लैग मार्च किया था, इससे वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, पहले यह मार्च 10 जून को निकाला जाना था, लेकिन तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इसकी तिथि बढ़ा दी गई। इससे पहले मार्च में, हमास ने घोषणा की थी कि अगर यरूशलेम मार्च किया गया तो वह अल-अक्सा मस्जिद की सुरक्षा के लिए रॉकेट लॉन्च करेगा।

इसलिए निकालते है यहूदी मार्च

1967 में इजरायल ने अरब देशों के साथ छह दिन का युद्ध जीता था। इसके बाद, पूर्वी यरुशलम पर इजरायल का कब्जा हो गया था। इस जीत की याद में कट्टर यहूदी हर साल जुलूस निकालते हैं। जेरूसलम मार्च पारंपरिक रूप से यहूदी कैलेंडर के अनुसार अय्यर (यहूदी महीने) की 28 तारीख को मनाया जाता है।

रविवार को इज़राइल में नयी सरकार का गठन हुआ है

रविवार को इजरायल में 8 दलों की गठबंधन सरकार बनी। नफ्ताली बेनेट ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। बेनेट को एक कट्टरपंथी यहूदी के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा वह कुछ बड़ी टेक कंपनियों के मालिक भी हैं।

उन्होनें नेतन्याहू दो साल के लिए चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी कार्य किया। इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और, बेनेट उसी बेंजामिन नेतन्याहू की जगह प्रधानमंत्री बने हैं, जो उनके राजनीतिक गुरु माने जाते हैं। नेतन्याहू को कुर्सी गंवानी पड़ी और वह सिर्फ एक सांसद की कमी के कारण हुआ।

बेनेट ज्यादातर यहूदी टोपी (किप्पा) पहनकर रहते हैं

बेनेट ज्यादातर यहूदी टोपी (किप्पा) पहनकर रहते हैं। वे फिलिस्तीन के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते हैं। उनका कहना है कि इस इलाके में सिर्फ इजरायल है, लेकिन रविवार को बहुमत साबित करते हुए उनका लहजा बदल गया, इस गठबंधन में राम पार्टी का नाम चौंकाने वाला है। यह अरब-मुसलमानों की पार्टी है। मंसूर अब्बास इसके नेता हैं। इसके अलावा, वामपंथी और केंद्रीय विचारधारा वाले दल भी गठबंधन का हिस्सा हैं। बेनेट अब अरब इजरायली मुसलमानों के विकास और शिक्षा की बेहतरी की बात कर रहे हैं।

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