Kabul Airport Blast : भारत ने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास हुए घातक बम धमाकों की कड़ी निंदा की और कहा कि इन धमाकों ने एक बार फिर उजागर किया है कि आतंक के विरुद्ध दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है। ये धमाका बताता है कि हमें आतंकवाद और इसे पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमलों ने आतंक और आतंकवादियों को प्रश्रय देने वालों के विरुद्ध विश्व के एकमत से खड़े होने की आवश्यकता को सुदृढ़ किया है।
मंत्रालय ने हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत काबुल में हुए बम धमाकों की कड़ी निंदा करता है। हम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति तहेदिल से संवदेना प्रकट करते हैं।' मंत्रालय ने कहा, 'हम घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं।'
दो आत्मघाती हमले में 80 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है और 15 घायल हुए हैं। धमाके में कुल 140 लोग घायल हुए हैं। रूसी समाचार एजेंसी ने तीसरा धमाका होने का भी दावा किया है।
एसोसिएटेड प्रेस ने अमेरिका के दो अधिकारियों के हवाले से कहा है कि इस ब्लास्ट में उनके कुल 12 लोग मारे गए हैं। जिसमें 11 सैनिक और एक सेना का डॉक्टर शामिल हैं। सूत्रों की माने तो हमले में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। दो ब्लास्ट होने के बाद पूरे एयरपोर्ट पर भगदड़ मच गई थी। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए नजर आए।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसरा आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है।
गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी। इसका मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।