News

कलराज मिश्र ने ली राजस्थान के राज्यपाल के रूप में ली शपथ,

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायउट और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी समेत वंसुधरा राजे ,रही मौजूद

savan meena

न्यूज – कलराज मिश्र ने आज राजस्थान के 32 वें राज्यपाल के रूप में पद पर शपथ ले ली है। कलराज मिश्र इससे पहले हिमाचल प्रदेश थे। इससे पहले कलराज मिश्र रविवार को जयपुर पहुंचे थे, जंहा पर उनका स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायउट और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी मौजूद थे।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट ने राज्यपाल को शपथ दिलाई, शपथ राजभाषा हिंदी में ली गई। शपथ के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र को "गार्ड ऑफ ऑनर" को दिया गया, शपथ कार्यक्रम के दौरान पुर्व सीएम वंसुधरा राजे सहित, सीएम गहलोत और कैबिनेट के कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे।

इससे पहले मनोनीत राज्यपाल कलराज मिश्र का जयपुर राजभवन में अतिथि गृह पहुंचने पर स्वागत किया। राजभवन में मनोनीत राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में कल्याण सिंह से भी मुलाकात की,

1, जुलाई 1941 को पूर्वी यूपी के गाजीपुर जिले के मलिकपुर में एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में जन्में कलराज मिश्र ने कल्याण सिंह की जगह ली है… इससे पहले 2014 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश की  देवरिया सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर आये। मोदी सरकार वन में सूक्ष्म एवं लघु उघोग ‍मंत्री भी रहे। वे राज्यसभा के सदस्य और लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे चुके है।

आप को याद होगा 2014 के बाद 75 साल से अधिक आयु के बीजेपी के कई वरिष्‍ठ नेता राजनीति से रिटायर हो गए थे,इस पर बहस भी चली थी। इसी आधार पर 2017 में कलराज मिश्र ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया, ऑफिशियल तौर पर कलराज मिश्र ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया,

मंत्री पद से हटे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नई जिम्मेदारी के तौर पर हिमाचल प्रदेश का गर्वनर बनाया और अब राजस्थान का गर्वनर बनाया गया है। कलराज मिश्र का राजनीतिक करियर वैसे तो बहुत बडा रहा है, 1977 में वह जनता पार्टी के इलेक्शन कॉडिनेटर बने, 1978 में वह राज्यसभा के सदस्य बनें, 1980 में भारतीय जनता पाटी की स्थापना के बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए,

इससे बाद कलराज मिश्र का राजनीतिक सफर चलता रहा। फिर वे राम मंदिर आंदोलन से जुड़े गये। वे 1991, 1993, 1995 और वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं, इस लिहाज से बीजेपी में उनका कद बढ़ता गया, 2003 में वे यूपी, और 2004 में राजस्थान और दिल्ली के चुनाव प्रभारी बने, 2010 में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने,

2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वे एमएलए का चुनाव लड़े और लखनऊ पुर्व से एमएलए चुनकर आये, दो साल बाद ही 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृव्य में हुए लोकसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई और यूपी की देवरिया लोकसभा सीट से सांसद बने।

तो ये उनका राजनीतिक सफरनामा रहा इसके बाद उनको हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया और अब राजस्थान की कमाल संभालेंगे।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार