डेस्क न्यूज़- सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर को दिल्ली कांग्रेस का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय से लेकर पंजाब कांग्रेस तक को घेरा। उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से भी एक सवाल पूछा। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि टाइटलर की नियुक्ति से सिखों के घावों पर नमक छिड़का गया है। इसके बावजूद पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है।
सिरसा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने सिख हत्याकांड के मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड को इतना बड़ा पद दिया है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस से पूछा कि क्या इस फैसले से उनमें से कोई आहत हुआ है। उन्होंने कहा कि सिखों की हत्या करने वालों को कांग्रेस में पूरा सम्मान दिया जा रहा है। वो भी उस शख्स को, जिसके खिलाफ सीबीआई का केस चल रहा है।
मनजिंदर सिरसा ने नवजोत सिद्धू पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चरित्र का पतन समझौता से होता है। सिरसा ने कहा कि 1984 के नरसंहार के मास्टरमाइंड को इनाम देने पर चुप रहना समझौता कहलाता है। सिरसा ने सिद्धू से ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते समय भी यही बात कही थी।
मनजिंदर सिरसा ने प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा। सिरसा ने पूछा कि हम जगदीश टाइटलर जैसे व्यक्ति को राजनीतिक एहसान और स्थायी आमंत्रित का दर्जा क्यों दे रहे हैं। प्रियंका गांधी को बताया जाना चाहिए कि गांधी परिवार बार-बार सिख हत्याकांड के आरोपियों को इनाम क्यों दे रहा है, क्या उन्हें सिख नरसंहार पर जगदीश टाइटलर के काम पर गर्व है?
मनजिंदर सिरसा ने कहा कि जगदीश टाइटलर के 1984 के सिख नरसंहार मामले की सुनवाई 17 नवंबर को है। इससे टाइटलर के साथ-साथ गांधी परिवार भी डर गया। उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार की मजबूरी है। इसलिए गांधी परिवार और राष्ट्रीय कांग्रेस यह संदेश दे रही है कि वे अब भी जगदीश टाइटलर के साथ खड़े हैं। सिरसा ने कहा कि कांग्रेस और कांग्रेसी गांधी परिवार को खुश करने के लिए समझौता करना जारी रख सकते हैं। जैसे जगदीश टाइटलर के मुद्दे पर वे अपनी जुबान बंद कर लेते हैं। सिरसा ने कहा कि वह 1984 के हत्यारों को सलाखों के पीछे डालेंगे।
इस मुद्दे पर भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने टाइटलर को दिल्ली कांग्रेस का स्थायी सदस्य नियुक्त किया है। जो कांग्रेस प्रायोजित सिख हत्याकांड का आरोपी है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि कांग्रेस पार्टी के लिए सिखों की जान कोई मायने नहीं रखती? क्या पंजाब सुन रहा है?
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि पूर्व सांसद पार्टी के स्थायी सदस्य बने रहेंगे। टाइटलर को नया पद नहीं दिया गया है। जब से हमारी समिति बनी है तब से टाइटलर लगभग 30 वर्षों से इस पर हैं।