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राजस्थान: सीएम गहलोत ने विधायको से की मुलाकात, जल्द हो सकता हैं मंत्रिमंडल विस्तार और नियुक्तियों पर फैसला

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने आवास पर एससी-एसटी वर्ग के एक दर्जन विधायकों से मुलाकात की थी।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- उपचुनावों से पहले राजनीतिक नियुक्तियों ने कांग्रेस विधायकों के बीच नई उम्मीद जगाई है। सोमवार को गहलोत सरकार ने राज्य वित्त आयोग में नियुक्तियां कीं हैं। हालाँकि, इससे पहले भी, गहलोत सरकार समय-समय पर आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियाँ करती रही है। लेकिन अभी भी 65 से अधिक बोर्ड, आयोग और अकादमियां आदि खाली हैं। कांग्रेस  सरकार के कार्यकाल को ढाई साल बीत चुका हैं, मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे विधायकों और कार्यकर्ताओं का असंतोष चरम पर पहुंच गया है। गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार ।

Photo | Aaj tak

उपचुनावों के बाद फेरबदल की संभवना 

यदि राज्य में कोरोना से लॉक-डाउन की स्थिति नहीं बनती है, तो राजस्थान में उपचुनाव होने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। मंगलवार की वार्ता के दौरान, उन्होंने राजनीतिक नियुक्तियों में देरी और कैबिनेट फेरबदल के बारे में भी अपनी राय व्यक्त की। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को छोड़कर, राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट विस्तार को रोकने के लिए सरकार के पास कोई बहाना नहीं है। सरकार उपचुनावों के नतीजों का इंतजार नहीं करना चाहती क्योंकि इन सीटों पर जीत और हार सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती।

गहलोत ने एक-एक से फीडबैक लिया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने आवास पर एससी-एसटी वर्ग के एक दर्जन विधायकों से मुलाकात की। इनमें खिलाड़ी लाल बैरवा, परसराम मोदरिया, बाबूलाल नागर, इंदिरा मीणा, हरीश मीणा, वेदप्रकाश सोलंकी, भरोसी लाल जाटव, लक्ष्मण मीणा सहित कुछ अन्य विधायक शामिल थे।

राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने पहले राजनीतिक नियुक्तियों और फिर मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में बात की थी, लेकिन

सूत्रों के अनुसार, सरकार सोच रही है कि मंत्रिमंडल को पहले बढ़ाया जाए ताकि शेष विधायकों की नाराजगी इन नियुक्तियों से

दूर किया जा सके। इसका एक और कारण विधायकों से मौजूद मंत्रियों की नाराजगी है। जिसके कारण राजनीतिक नियुक्तियों

से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है।

फरवरी तक राज्य में नियुक्तियां करने को कहा था

माकन ने राजस्थान में विधायकों की प्रतिक्रिया बैठक के बाद एक बयान भी दिया था कि सरकार फरवरी तक राजनीतिक नियुक्तियां पूरी कर लेगी और उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। लेकिन फरवरी में सरकार ने बजट सत्र बुलाया। इसके तुरंत बाद उपचुनाव की घोषणा की गई। उपचुनाव के लिए मतदान 17 अप्रैल को होगा। इसके बाद 2 मई को उनके नतीजे आएंगे।

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