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हिंदू कार्ड खेलने पर अशोक गहलोत ने भाजपा को घेरा: कहा – आज हिंदू और धर्म के नाम पर सरकारें बन रही हैं, धर्म के बाद वे जातियों में झगड़े पैदा करेंगे

गहलोत ने कहा कि गांधीजी ने अंग्रेजों के जमाने में चंपारण सत्याग्रह किया था। आज क्या हो रहा है। 5 महीने से किसान बैठे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- भाजपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आज धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है। लोग सफल हो रहे हैं और खुश भी हो रहे हैं। हमारे देश की पहचान उस रूप में नहीं है जिस रूप में आज सरकारें धर्म के नाम पर, हिंदुत्व के नाम पर बनाई जा रही हैं। मैंने एक बार कहा था कि आज हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई करेंगे। धर्म पर लोगों को बांटने के बाद ये दलित, ब्राह्मण, वैश्य जाति के नाम पर झगड़े करवाने गल जाएंगे। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है। गहलोत जलियांवाला बाग गोलीकांड की सालगिरह पर आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। गहलोत ने भाजपा को घेरा ।

Photo | Dainik Bhaskar

गहलोत ने कहा – आज भी गुलामी हैं

गहलोत ने कहा कि छुआछूत

मानवता के नाम पर कलंक है। क्या

युवाओं को इसके खिलाफ आवाज नहीं उठानी

चाहिए? अंग्रेज खुद को श्रेष्ठ मानते थे। गोरी और काली त्वचा के बारे में बात करते समय भेदभाव करते थे।

इसी आधार पर लोगों को गुलाम बनाया गया। आज भी गुलामी है, जो गुलाम हैं वे गुलामों की तरह जी रहे हैं।

कांग्रेस ने देश को लोकतंत्र और वोट का राज दिया हैं

कांग्रेस ने देश को लोकतंत्र और वोट का राज दिया। कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद की बात की। यह हमारे संविधान की मूल भावना है। हमारा गवर्नर संविधान की मूल भावना को हर बैठक में पढ़ता है। संविधान के बिना देश कैसे चलेगा। लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है, कौन सोचेगा? युवाओं को इस पर सोचना होगा। गलत को गलत और सही को सही कहना होगा। यह देश युवाओं का देश है। जब राजीव गांधी पीएम बने, तब से युवाओं का ही देश बना हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में भी युवाओं की भूमिका थी। पंडित नेहरू 10 साल तक जेल में रहे। आप जान सकते हैं कि उस समय जेलें कैसे हुआ करती थीं।

लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी युवाओं की हैं

गहलोत ने कहा कि गांधीजी ने अंग्रेजों के जमाने में चंपारण सत्याग्रह किया था। आज क्या हो रहा है। 5 महीने से किसान बैठे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। लोकतंत्र में सभी को सुना जाना चाहिए। आंदोलन को समाप्त करने का कोई न कोई रास्ता तो मिल ही जाना चाहिए। तरुणाई को अंगड़ाई लेनी चाहिए। अब समय आ गया है। लोकतंत्र को बचाना युवाओं की जिम्मेदारी है। युवाओं को उसी के अनुसार व्यवहार करना होगा। राज्य में ऐसा मंच होना चाहिए जहां निरंतर बात हो। देश राज्य में मुद्दों पर बहस होगी, तभी युवा पीढ़ी समग्र विकास कर पाएगी।

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