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ममता बनर्जी ने एनपीआर पर सभी राज्यों को संज्ञान लेने को कहा है,

बनर्जी उत्तर बंगाल में अगले चार दिन तक संशोधित नागरिकता कानून विरोधी रैलियों का नेतृत्व करेंगी

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न्यूज – राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर एक बार फिर मोदी और ममता आमने-सामने आ गए है, दरअसल बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर और गैर भाजपा शासित राज्यों के अपने समकक्षों से सोमवार को अपील की कि वे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद में शामिल होने से पहले इसके विवरण खंडों का संज्ञान लें, बनर्जी ने एनपीआर को "खतरनाक खेल" करार देकर कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं,बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है।

उन्होंने कहा,मैं भाजपा शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा,असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करूंगी कि वे निर्णय पर पहुंचने से पहले कानून को ठीक तरह से पढ़ें और एनपीआर फॉर्म के विवरण खंडों का संज्ञान लें, मुख्यमंत्री ने एनपीआर का विरोध करते हुए कहा,मैं उनसे इस कवायद में शामिल न होने का आग्रह करती हूं, क्योंकि स्थिति बहुत बुरी है, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करेगी।

बनर्जी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि माता-पिता के एनपीआर फॉर्म में जन्मस्थान से जुड़ा कॉलम भरना अनिवार्य नहीं है, उन्होंने कहा कि यदि यह अनिवार्य नहीं है तो फिर इस कॉलम को फॉर्म में क्यों रखा गया है? इन सवालों को हटाने का प्रयास किया जाना चाहिए, मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी के लिए रवाना होने से पहले दावा किया, "यदि यह कॉलम फॉर्म में बरकरार रहता है तो इसे न भरने वाले अपने आप बाहर हो जाएंगे. ऐसी आशंका है…." बनर्जी उत्तर बंगाल में अगले चार दिन तक संशोधित नागरिकता कानून विरोधी रैलियों का नेतृत्व करेंगी।

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