यूरोपीय संघ का दावा : यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक का कहना है कि रूस और चीन म्यांमार के सैन्य तख्तापलट के लिए एकजुट हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।
यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बॉरल ने ने आरोप लगाया कि, 'यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि रूस और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रयासों को रोक रहे हैं।'
बॉरल का कहना है कि रूस और चीन मिलकर म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कदम नहीं उठाने दे रहे।
उन्हाेंने कहा उदाहरण के लिए म्यांमार को हथियारों देने से रोकने में इन देशों ने अड़चन पैदा की है।
चीन म्यांमार को दूसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लाई करने वाला देश है
और रूस दूसरा 27 देशों के संघ की ओर से बॉरल ने कहा कि ऐसे हालात में समाधान निकालना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा क्योंकि म्यांमार में सेना द्वारा 700 नागरिकों की हत्या कर दी गई है जिनमें 46 बच्चे शामिल हैं।
दुनिया तमाम घटनाक्रम और अपने ही नागरिकों पर सेना की ऐसी हिंसा देखकर डरी हुई है।
म्यांमार की सेना द्वारा एक फरवरी को देश में किए तख्तापलट के बाद से अब तक कम से कम 701 लोगों को मारा जा चुका है।
इसके अलावा 3100 लोगों को हिरासत में लिया गया और विरोध प्रदर्शन के खिलाफ 650 गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए।
इन कार्रवाइयों के बावजूद देश में प्रदर्शनकारी सैन्य शासन का विरोध कर रहे हैं।