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सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर उनके बैंक खाते में हस्ताक्षर से मैच हुए, आरोपी शिष्य आनंद गिरि का लाई डिटेक्टर टेस्ट करेगी सीबीआई

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में एक अहम खुलासा हुआ है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर उनके बैंक खाते में हस्ताक्षर से मेल खा चुके हैं। सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरी के फिंगर प्रिंट भी मैच हुए हैं।

Manish meena

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में एक अहम खुलासा हुआ है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर उनके बैंक खाते में हस्ताक्षर से मेल खा चुके हैं। सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरी के फिंगर प्रिंट भी मैच हुए हैं। नरेंद्र गिरि के सुसाइड लेटर की फॉरेंसिक जांच चल रही है. हालांकि अभी तक सीबीआई ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, सीबीआई आनंद गिरी का लाई-डिक्टेटर टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। सीबीआई इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेगी।

आनंद गिरी के वकील ने सुसाइड नोट पर उठाए सवाल

आरोपी महंत के शिष्य आनंद गिरी के वकील सुधीर श्रीवास्तव ने सुसाइड नोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अखाड़ा परिषद के पैड पर सुसाइड लेटर लिखा हुआ है। कई बार नरेंद्र गिरि के लिए पढ़ने-लिखने का काम करने वाले उनसे पैड पर पहले ही दस्तखत करवा लेते थे। हो सकता है कि साजिश के तहत किसी ने नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर पहले ही करवा लिए हों। फिलहाल सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही तय होगा कि सच क्या है?

अखाड़ा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों के पैनल से कराना चाहता है जांच

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरि ने कहा है कि अखाड़ा परिषद अपने स्तर पर मामले की जांच कराने की तैयारी कर रही है. महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए उच्च न्यायालय के पांच सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से मिलकर एक अलग जांच पैनल गठित करने की मांग की जा रही है।

महंत ने कहा कि यह मुद्दा सीधे तौर पर सभी वरिष्ठ संतों की सुरक्षा से जुड़ा है. जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने दोहराया कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु आत्महत्या नहीं थी। उन्होंने कहा, "सीबीआई जांच का नतीजा जो भी हो, मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि महंत नरेंद्र गिरि, जो 30 साल से अधिक समय से मेरे करीबी सहयोगी रहे हैं, आत्महत्या कर सकते हैं।"

नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे और कहानी: हरि गिरि

महंत हरि गिरि ने कहा है कि संतों को अभी भी विश्वास नहीं होता कि इतना दृढ़ इच्छाशक्ति वाला व्यक्ति ऐसा कदम उठा सकता है? इस वजह से ऐसा लग रहा है कि इस मामले के पीछे कुछ और ही कहानी है। इसकी तह तक जाना होगा। इस मामले की और गहराई से जांच की जरूरत है। पूर्व में रहस्यमय परिस्थितियों में चार संतों की मौत हो चुकी है और नरेंद्र गिरि के अलावा किसी अन्य संत की मौत की जांच अब तक नहीं हुई है।

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