डेस्क न्यूज . केंद्र सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से दिल्ली के लोधी एस्टेट वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। उन्हें इसके लिए पहली अगस्त, 2020 तक की मोहलत दी गई है। डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एस्टेट्स की ओर से प्रियंका को भेजे गए लेटर में कहा गया है कि तय वक्त के बाद भी बंगले में रहने पर उन्हें किराया या फिर जुर्माना देना होगा। पत्र में बंगला खाली कराने के पीछे एसपीजी सुरक्षा हटने को वजह बताया गया है। प्रियंका को एक महीने का नोटिस देकर बंगला खाली करने के लिए कहा गया है।
सरकार के इस कदम का कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की ओर से विरोध होना तय है। कांग्रेस नेता को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के एसपीजी प्रोटेक्शन हटाने के बाद आपको सिक्योरिटी कवर दिया गया, जिसमें सुरक्षा आधार पर सरकारी बंगले के आबंटन का प्रावधान नहीं है, इसलिए लोधी एस्टेट का हाउस नंबर 35 का अलॉटमेंट रद्द किया जाता है। आपको एक महीने का कंसेशनल पीरियड दिया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में सरकार ने गांधी परिवार का एसपीजी सिक्योरिटी कवर हटा लिया था।
कांग्रेस के एक अन्य नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि यह गलत है और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल का उद्धरण दिया, जिन्होंने कहा था कि शासक को बड़े दिल का होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "जमीन चीनियों से खाली करानी थी, लेकिन सरकार ने दिल्ली में एक घर खाली कराने को चुना है।"
कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि यह राजनीति का एक नया निचला स्तर है और मोदी सरकार ने एक 'शहीद की बेटी' का अपमान किया है। कांग्रेस नेता नसीब पठान ने मांग की कि नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य के.सी. वेणुगोपाल इस्तीफा दें और प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजा जाए।
एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर ने कहा, "जो लोग चीनियों को खाली नहीं करा सके, वे प्रियंका गांधी से आवास खाली करा रहे हैं। याद कीजिए इंदिरा गांधी को भी इसी तरह खाली कराया गया था, लेकिन जो लोग इसके लिए जिम्मेदार थे, उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।"
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