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नेपाल ने भारत के तीन हिस्सों को अपने नक्शे मे दिखाया, विवाद

नेपाल सरकार ने दो दिन पहले एक 'ऐतिहासिक निर्णय' में नेपाल का नया राजनीतिक नक़्शा जारी किया जिसमें लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा में दिखाया गया है.

savan meena

न्यूज – आपने भारत और नेपाल की दोस्ती के कई किस्से सुने होंगे, आम तौर पर माना जाता है कि भारत और नेपाल घनिष्ठ मित्र हैं और दोनों देशों की ये मित्रता हजारों वर्ष पुरानी है लेकिन अब इन देशों के बीच मतभेद उभर आए हैं,

स्थिति ये हो गई है कि नेपाल ने उत्तराखंड में स्थित तीन महत्वपूर्ण इलाकों पर अपना दावा जता दिया है, माना जा रहा है कि नेपाल ये सब चीन के कहने पर कर रहा है और चीन के दबाव में ही नेपाल ने भारत से हजारों वर्ष पुरानी अपनी दोस्ती को दांव पर लगा दिया है,

नेपाल सरकार ने दो दिन पहले एक 'ऐतिहासिक निर्णय' में नेपाल का नया राजनीतिक नक़्शा जारी किया जिसमें लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा में दिखाया गया है.

भारत सरकार नेपाल के इस क़दम से काफ़ी नाराज़ है और सरकार ने आधिकारिक रूप से इसपर आपत्ति भी जताई है.

2 मई को चीन के एक सरकारी न्यूज चैनल CGTN ने माउंट एवरेस्ट को चीन का हिस्सा बताया था, माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है और नेपाल इसे अपने सिर का ताज मानता है, लेकिन चीन की इस हरकत के बाद नेपाल ने इसके विरोध में एक शब्द नहीं बोला, लेकिन जब 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नेपाल सीमा के करीब लिपुलेख को कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट से जोड़ने वाली एक सड़क का उद्घाटन किया तो नेपाल ने इस पर तुरंत आपत्ति जता दी और ये दावा किया कि भारत ने उसके इलाके में सड़क बनाई है।

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली ने कहा कि ये क्षेत्र नेपाल के हिस्से हैं लेकिन अपनी सेना तैनात करके भारत ने इसे विवादित बना दिया। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा सेना की तैनाती के बाद नेपाल के लोगों को वहां जाने से रोक दिया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत ने 1962 से ही अपनी टुकड़ियों की तैनाती कर रखी है लेकिन इससे पहले हमारे शासक इस मुद्दे को उठाने से बचते रहे।.उन्होंने कहा कि हम इसे दोबारा हासिल करेंगे और वापस लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ मधुर संबंध चाहते हैं लेकिन वह पूछना चाहते हैं कि भारत "सीमामेव जयते चाहता है या सत्यमेव जयते।

इतना ही नहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने तो अपने देश की संसद में बोलते हुए यहां तक कह दिया कि नेपाल में कोरोना वायरस भारत की वजह से फैल रहा है, उन्होंने ये भी कहा कि भारत से आया वायरस इटली और चीन से आए वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ने ये भी कहा है कि इन तीनों इलाकों पर नेपाल का हक है और वो इसे किसी भी कीमत पर वापस लेकर रहेंगे और अगर भारत इससे नाराज भी हो जाए तो नेपाल को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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