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उत्तर प्रदेश: प्रियंका नही लड़ेंगी विधानसभा चुनाव, गांधी परिवार की परंपरा रहेगी बरकरार

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी की अमेठी या रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की भी अटकलें हैं, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक यह खबर गलत है।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज- यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अब अटकलों का दौर तेज होगा। इस बीच कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी की अमेठी या रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की भी अटकलें हैं, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक यह खबर गलत है। सूत्रों ने बताया, 'प्रियंका गांधी कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ने जा रही हैं। गांधी परिवार का कोई भी सदस्य उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेगा।

Photo | India ahead hindi

गांधी परिवार की परंपरा रहेगी बरकरार

यानी गांधी परिवार के विधानसभा में चुनाव नहीं लड़ने की परंपरा बरकरार रहेगी। फिर इस खबर को ताकत कहां से मिली? दरअसल, दो दिन पहले प्रियंका अपनी मां और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली में थीं। उस दौरान उनके ही कार्यकर्ताओं ने उनसे इस सीट से चुनाव लड़ने की मांग की।

इसका सीधा जवाब देने के बजाय प्रियंका गांधी ने कहा, 'अभी मैं आपसे कोई वादा नहीं कर सकती, लेकिन पार्टी में इस पर चर्चा जरूर करूंगी। जैसा निर्देश होगा वैसे किया जाएगा। तो क्या प्रियंका गांधी ने इस मामले को पार्टी में चर्चा को आगे बढ़ाया? यूपी के सूत्रों के मुताबिक, जब नेता मैदान में होते हैं तो अपने कार्यकर्ताओं की हा में हा मिलाते हैं। अगर नेता अपने ही कार्यकर्ताओं की मांग को सिरे से खारिज कर देता है तो कार्यकर्ताओं का उत्साह गिर जाएगा। वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ता भी अपने शीर्ष नेतृत्व से ऐसी मांगें करते रहते हैं।

गांधी परिवार को कोई सदस्य नही लडेगा विधानसभा चुनाव

कार्यकर्ता भी जानते हैं कि यह संभव नहीं है। कार्यकर्ताओं और प्रियंका गांधी के बीच संवाद महज औपचारिकता भर था। राज्य स्तरीय कांग्रेस सूत्रों ने बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, 'ऐसी खबरें जानबूझकर मीडिया में भी फैलाई जाती हैं, ताकि कार्यकर्ताओं का उत्साह बना रहे और हम मीडिया में बने रहें.' उन्होंने साफ कहा, प्रियंका या उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा।

प्रियंका की मौजूदगी पूरे यूपी के लिए जरूरी

कांग्रेस स्पष्ट संकेत दे रही है कि प्रियंका उत्तर प्रदेश में नेता होंगी। वह मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकती हैं। अगर कांग्रेस ऐसी स्थिति में भी आ जाती है कि वह अपना मुख्यमंत्री बना पाती है, तब भी उसके पास चुनाव लड़ने और जीतने के लिए 6 महीने का समय होगा। ऐसे में चुनाव लड़ना और जीतना दोनों आसान हो जाएगा। फिर जोखिम पहले से क्यों लें। प्रियंका की मौजूदगी किसी एक सीट पर नहीं बल्कि पूरे यूपी के लिए जरूरी है। इसलिए अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने की बात पूरी तरह निराधार है।

कांग्रेस आलाकमान कभी ऐसा दाव नहीं खेलेगा जो गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए। अगर प्रियंका गांधी विधानसभा में चुनाव के लिए आईं और जीत भी हो गई, तो यह उनकी हार से कम नहीं होगी। माना जा रहा है कि प्रियंका के विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरों का खंडन जल्द नहीं होगा। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि इस तरह की खबरों की चर्चा से कांग्रेस को नुकसान होने की बजाय फायदा होता है।

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