न्यूज – पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा कफ्र्यू के दौरान विद्यार्थियों के अभिभावकों से फीस मांगने वाले 22 स्कूलों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने मीडिया के द्वारा अभिभावकों से अपील की थी कि यदि कोई स्कूल कफ्र्यू के दौरान दाखिला फीस मांगता है तो उसकी शिकायत उनके निजी ई-मेल पते पर भेजी जाये। उन्होंने कहा कि ई-मेल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर ही 16 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं जबकि 6 स्कूलों को पहले ही नोटिस जारी किये जा चुके हैं।
विजय इंदर सिंगला ने बताया कि द गुरूकुल वल्र्ड स्कूल जीरकपुर और मोहाली, शिशु निकेतन पब्लिक स्कूल मोहाली, दिकशांत इंटरनेशनल स्कूल जीरकपुर, ग्रीन लैंड कान्वेंट स्कूल लुधियाना, देहरादून पब्लिक स्कूल पटियाला, सनफ्लावर पब्लिक स्कूल त्रिपड़ी पटियाला, माईलस्टोन स्मार्ट स्कूल त्रिपड़ी पटियाला, दसमेश पब्लिक स्कूल मुकेरियाँ और सिपरियां, डल्हौजी पब्लिक स्कूल बधानी पठानकोट, एल.आर.एस. डी.ए.वी. स्कूल अबोहर, ए.पी.जे. पब्लिक स्कूल जालंधर, एम.सी.एम. पब्लिक स्कूल दुग्गरी लुधियाना, कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल फगवाड़ा और एस.डी. मॉडल स्कूल मंडी गोबिन्दगढ़ को ई-मेल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर नोटिस भेजे गए हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पहले ही अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए दाखिले की समय सारणी हालात सामान्य होने के बाद जारी करने की हिदायतें जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि कोरोनावायरस के काबू में होने के बाद अभिभावकों को फीस भरने के लिए एक महीने का समय जरूर दिया जाये और इस दौरान किसी से भी लेट फीस या जुर्माना न वसूला जाये।
विजय इंदर सिंगला ने बताया कि किसी भी स्कूल को राज्य सरकार की हिदायतों का उल्लंघन करने की आज्ञा नहीं दी जायेगी और यदि उल्लंघन का कोई मामला सामने आता है तो उसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाला स्कूल यदि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के साथ सम्बन्धित होगा तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी और यदि सी.बी.एस.ई. या किसी अन्य बोर्ड के साथ सम्बन्धित होगा तो उसका अनापत्ति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया जाएगा। उधर, एपीजे स्कूल के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
दरअसल जब से राज्य सरकार ने स्कूल मैनेजमेंटों पर लॉकडाऊन के दौरान फीस न वसूलने पर सख्ती बरती है तभी से स्कूल मैनेजमेंटों ने कई प्रकार की तरकीबें ढूंढ ली। कई अभिभावकों का तो यहां तक कहना है कि स्कूलों की तरफ से जो ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई वह भी आंखों में धूल झोंकने का ही एक कथित प्रयास है। अब अगर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो फिर अभिभावकों को स्कूल फीस में शामिल मेंटेनेंस चार्जेस और फिक्स चार्जेस देने की कोई जरूरत ही नहीं। क्योंकि न तो स्कूल वालों की बिजली खर्च हो रही है और न ही पानी। हो सकता है कि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करना पूरे माह और एडमिशन फीस वसूलने का एक हिस्सा ही हो।