न्यूज़- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों से बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था। वीडियो साझा करने पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट करते हुए प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को असली कसूरवार बताया है। साथ ही कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है।
मायावती ने शनिवार को एक के बाद एक चार ट्वीट किए है। ट्वीट करते हुए मायावती ने लिखा, 'आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?'
मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।
साथ ही मायावती ने भाजपा सरकार को नसीहत देते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी। वहीं, अपने चौथे ट्वीट में लिखा, 'बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गाँवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें। मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है।'
दरअसल, शनिवार की सुबह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मज़दूरों के साथ बातचीत का एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में राहुल गांधी ने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे हरियाणा से आ रहे हैं और करीब 100 किलोमीटर की दूरी तक कर चुके हैं। खाने के सवाल पर एक प्रवासी परिवार ने बताया कि रास्ते में कुछ मिल गया तो खा लेते हैं वरना ऐसे ही चल रहे हैं। परिवार ने कहा लॉकडाउन से पहले अगर कुछ गैप दे दिया जाता तो सब अपने गांव निकल जाते हैं। हर बार लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ रही हैय़ इसलिए घर जाने को मजबूर हैं।