राजसमंद में चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप पर विवादित बयान देकर घिर गये है। करणी सेना सहित कई राजपूत संगठनों ने कटारिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। करणी सेना से जुड़े युवा भाजपा मुख्यालय पहुंचे और नारेबाजी की और गुलाबचंद कटारिया के होर्डिंग्स पर स्याही पोत दी।
राजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष नारायण सिंह दिवराला के नेतृत्व
में दोपहर बाद युवक भाजपा मुख्यालय पहुंचे। युवाओं ने भाजपा
मुख्यालय के बाहर होर्डिंग पर कटारिया की तस्वीर पर स्याही
लगाई। इसके बाद कटारिया और सतीश पूनिया के खिलाफ नारेबाजी की। आक्रोशित युवाओं ने कटारिया के खिलाफ
महाराणा प्रताप पर की गई टिप्पणी पर रोष व्यक्त किया। कार्यकर्ता धरना देने के बाद वहां से चले गए।
कटारिया ने रविवार रात राजसमंद में एक जनसभा को संबोधित किया था, जिसके दौरान उन्होंने कहा था, "हमारे पूर्वजों ने 1000 साल तक लड़ाई लड़ी है। यह महाराणा प्रताप अभी-अभी गया है। क्या उसे पागल कुत्ते ने काट लिया था कि वह अपनी राजधानी और अपना घर छोड़ कर, अलग-अलग पहाड़ों में घूमता हुआ रो रहा था? किसके लिए वह गया।"
महाराणा प्रताप के बारे में दिए गए इस विवादित बयान के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वहीं, भाजपा को भी इस बात का डर होने लगा था कि इस बयान के कारण कहीं उसका राजपूत वोट बैंक ना खिसक जाए।
करणी सेना के जिलाध्यक्ष नारायण सिंह दिवराला ने कहा कि करणी सेना राज्य भर में कटारिया का विरोध करेगी। कटारिया जहां भी जाएंगे विरोध करेंगे। कटारिया का मुंह काला किया जाएगा। अगर आज कटारिया मिल जाते, तो वे मुंह पर स्याही पोत देते। महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों के खिलाफ टिप्पणी करने से पहले उनके बारे में सोचना चाहिए। कटारिया ने महाराणा प्रताप के लिए जिस तरह की निम्न भाषा का इस्तेमाल किया है उसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
महाराणा प्रताप पर दिए बयान के लिए गुलाबचंद कटारिया ने दो बार माफी मांगी। इसके बावजूद, कई संगठनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। कटारिया का यह विवादित बयान उपचुनाव के मतदान से ठीक पहले आया है। इस बयान से राजपूत मतदाताओं में नाराजगी देखी जा सकती है। इसीलिए भाजपा अब डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटी है।